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बिहार में अब अस्पताल नहीं कर पाएंगे मनमानी, कोरोना मरीजों के लिए सरकार ने तय किए चार्ज

बिहार में अब अस्पताल नहीं कर पाएंगे मनमानी, कोरोना मरीजों के लिए सरकार ने तय किए चार्ज

by Sneha Shukla

पटना: अस्पतालों द्वारा मरीजों से अतिरिक्त पैसे वसूलने की कई शिकायतों के बाद बिहार सरकार ने कभी जिले में को विभाजित मरीजों के लिए अस्पतालों के शुल्क तय कर दिए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने पटना को ए ग्रेड जिला और भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया को बी ग्रेड जिले के रूप में वर्गीकृत किया है और शेष जिलों को सी ग्रेड के तहत वर्गीकृत किया गया है।

पटना के अस्पताल अस्पताल में बेडेशन के लिए 10,000 रुपये, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू के लिए 15,000 रुपये, वेंटिलेटर वाले आईसीयू के लिए 18,000 रुपये चार्ज कर सकते हैं, जबकि एक पीसीई किट 2,000 रुपये में उपलब्ध है।

बी ग्रेड जिलों में आइसोलेशन बेड के लिए 8,000 रुपये, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू के लिए 12,000 रुपये और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के लिए 14,400 रुपये चार्ज कर सकते हैं जबकि सी ग्रेड जिलों में यह शुल्क 6,000 रुपये, 9,000 रुपये और संबंधित सुविधाओं के लिए 10,800 है। रु।

को विभाजित मरीजों के लिए बड़ी राहत

स्वास्थ्य विभाग के बिहार के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने 38 जिलों के सभी जिलाधिकारियों को इसे संबंधित क्षेत्राधिकार में लागू करने का निर्देश दिया था। चार्जेज फिक्सिंग से कोविड मरीजों के लिए बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि कई शिकायतें थीं कि निजी अस्पताल को विभाजित करने वाले मरीजों से प्रति मरीज 3-4 लाख रुपये वसूल रहे हैं।

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