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बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों की पिटाई की कांग्रेस ने की निंदा, कहा- 'प्रजातंत्र की हुई हत्या'

बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों की पिटाई की कांग्रेस ने की निंदा, कहा- ‘प्रजातंत्र की हुई हत्या’

by Sneha Shukla

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पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को जो हुआ वो बिहार के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। विरोध करने की वजह से जिस तरह से विपक्ष के विधायकों के साथ बदसलूकी की गई, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। ऐसे में अब बिहार विधानसभा में हुई घटना की विपक्ष की पार्टियां निंदा कर रही हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने घटना की आलोचना की है।

उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को बिहार की विधानसभा में किया, वो शायद 73 साल में कभी नहीं हुआ। प्रजातंत्र की मंदिर विधानसभा के अंदर विधायकों को लात और घुसे से पुलिस द्वारा पिटाई गई। विधायकों पर पत्थर बाजी हुई। महिला विधायकों को घसीटा गया। विधायकों को मार-मार कर अधमरा कर दिया गया। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि वे बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल का कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “प्रजातंत्र की हत्या हुई है, देशवासियों अगर आज भी नहीं जागे तो प्रजातंत्र देश में नहीं बचेगा। गुंडागर्दी अब बीजेपी और ज़ीयू का रास्ता बन गया है। गुंडागर्दी और प्रजातंत्र की हत्या अब उनकी चाल, चेहरा और चरित्र बन गई है। आखिर कब तक यह माना जाएगा? “

सुरजेवाला ने कहा, “विधायकी खत्म हो जाएगी। संसद की मर्यादा पहले से ही खत्म हो गई है। ऐसे में यह देश चलेगा कैसे? चुना हुआ विधायकों के अधिकारों का ऐसा हनन होगा, अपमान होगा तो संविधान नहीं बच पाएगा।” उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि आज हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इस गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाए, जो भारतीय जनता पार्टी और उसके मित्र दल बिहार और पूरे देश में फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज आवाज उठाने का समय है, जो आवाज नहीं उठाएगा, वह भी तहहगार कहेगी। इसलिए इस पर चिंतन करिए और सभी मिलकर अपनी आवाज बुलंद करिए ताकी तानाशाही सरकार का अंत हो।

गौरतलब है कि कल बिहार विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पेश किया गया था। लेकिन विपक्ष के विधायक इस विधेयक को काला कानून बताते हैं कि हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष ने हर हस्तलिपियों को भूल कर विरोध किया। सदन में विपक्ष ने आसान का घेराव किया, तोड़फोड़ किया, बिल की प्रति छीनने की कोशिश की।

विधानसभा सभा अध्यक्ष के कार्यलय के बाहर धरना दिया, जिसके के अतिरिक्त पुलिस बल को विधानसभा बुलाया गया, जिन्होंने विपक्ष के विधायकों को बलपूर्वक बाहर निकल दिया।



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