पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े मामले में शिवानी कौशिक और यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एसकुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई की। बिहार सरकार की तरफ से गुरुवार को कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता विकास सिंह अपीयर हुए। ये वही वकील हैं, जो दिवंगत वकील सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हैं।
सरकार हाईकोर्ट में जमा करेगी
कोरोना मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एसकुमार की खंडपीठ ने औक्सिजन सप्लाई और सरकार के इंतजामात को लेकर बिहार सरकार को कोर्ट में एफिडेविट जमा करने का आदेश दिया। आज इस मामले में फिर सुबह 10:30 बजे से सुनवाई होगी, जिसमें सरकार एफिडेविट जमा करेगी। परीक्षण से पहले फिर से बदल गया है। आज शेफ जस्टिस संजय करोल के साथ जस्टिस शिवाजी पांडे होंगे।
कोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार
मालूम हो कि चार मई की सुनवाई के दौरान सरकार को फटकार लगाने के बाद कल कोर्ट बड़ा आदेश सुनाने वाला था। लेकिन महत्वपूर्ण परीक्षण से पहले जजों की बेंच बदल दी गई थी। वहीं, आज फिर से में परिवर्तन किया गया है।
गौरतलब हो कि राज्य सरकार ने मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान राज्य में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी थी। सरकार की तरफ से जस्टिस एमएस सिंह की खंडपीठ को बताया गया था कि राज्य में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है।
इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने की शर्म की बात है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दिया जाना चाहिए। इतना कहकर कर कोर्ट ने सुनवाई 6 मई तक टाल दी थी।
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