देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया हुआ है। एक ओर लाखों का तादाद में प्रतिदिन मामला सामने आ रहा है तो वहीं, सैकड़ों लोग अपनी रोजाना जान गवां रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमाई हुई दिख रही है।
अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, ऑक्सीजन की भारी किल्लत से लोग जूझ रहे हैं। ऐसा ही कुछ अब बुरुंग में देखने को मिल रहा है। बेंगलुरु में ना केवल आम जनता इससे परेशान दिख रही है, बल्कि वीवीआईपी, मिनिस्टर्स, सितारे और खुद स्वास्थ्य कर्मी इससे परेशान हैं। बेंगलुरु में ज्यादातर सभी प्राथमिक अस्पतालों ने अपने अस्पताल के बाहर नोटिस लगा दिया है जे साफ शब्दों में कहता है कि अस्पताल में बिस्तर नहीं है और ऑक्सीजन बेहद कम मात्रा में बची है।
वीवीआईपीस की तरफ से। भारी संख्या में आ रहे कॉल्स
सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय और तमाम मिनिस्टर्स के पास भारी तादाद में बिस्तर की मांग के लिए वीवीआईपीस की तरफ से कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं, लेकिन निराशापूर्वक उन्हें मनाते हैं कर दिया जा रहा है। हाल ही में पूर्व सीएम कुमारस्वामी कोरोना से सतर्क हुए थे। उन्होंने मैनपाल अस्पताल में बिस्तर लेने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें नहीं मिल सका जिसके बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में बिस्तर मिला।
ऑक्सीजन की कमी के कारण भर्ती नहीं किया जा सका- अस्पताल
वहीं, येदियुरप्पा के त्यागी के एक नेता को अपने किसी रिश्तेदार के लिए अस्पताल में बिस्तर लेने में कठनाई आयी थी। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की समस्या होने पर उन्हें भर्ती करने की इच्छा थी, लेकिन किसी अस्पताल में बेड नहीं मिला जिसके बाद सिलेंडर के बारे में उनके घर पर ही इलाज शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि कोई भी प्राथमिक अस्पताल में भर्ती करने को तैयार नहीं था। अस्पतालों का कहना था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण भर्ती नहीं की जा सकती थी। वहीं, बाद में उन्हें मेसूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिनकी ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है उन्हीं को भर्ती किया जाएगा- स्वास्थ्य मंत्रालय
वहाँ, अस्पतालों में डॉक्टर्स की भी कमी देखने को मिल रही है। दरअसल, सोशल मीडिया पर सैंडलवुड अभिनेता अनिरुद्ध विश्नूवर्धन ने एक टीवी चैनल को बताया कि अस्पतालों में ना केवल बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी है, बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टर्स भी नहीं है। जिसके कारण उन्होंने अपने एक करीबी को खो दिया।
बता दें, स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बीते सप्ताह अपने एक बयान में कहा था कि केवल उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा जिनकी ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है हो गया है।
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