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भगवान विष्णु के अवतार हैं परशुराम, माने जाते हैं सात चिरंजीवी देवों में से एक

भगवान परशुराम ने क्षत्रिय नहीं बल्कि, इस वंश का 21 बार किया था सर्वनाश, पढ़ें पौराणिक कथा

by Sneha Shukla

14 मई 2021, दिन शुक्रवार को अक्षय तृतीया है। हर साल अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम विष्णु जी के छठवें अवतार हैं। परशुराम जी से जुड़ी कई कथाएँ प्रचलित हैं, इनमें से एक यह है कि भगवान परशुराम ने क्षत्रिय कुल का 21 बार सर्वनाश किया था। लेकिन यह बात पूरी तरह से सत्य नहीं है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, परशुराम जी ने क्षत्रिय कुल का नहीं बल्कि हहय वंश का विनाश किया था।

भगवान परशुराम ने क्यों किया था हैहय वंश का सर्वनाश-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, हैहय वंश के राजा सहस्त्रार्जुन लगातार अपने बल और अहंकार के कारण ऋषियों और ब्राह्मणों पर अत्याचार कर रहे थे। एक बार सहस्त्रार्जुन अपनी सेना के साथ परशुराम जी के पिता जमदग्रि मुनि के आश्रम पहुंचे। वहाँ जमदग्रि मुनि ने राजा का आश्रय-कष्ट कर चमत्कारी कामधेनु गाय के दूध से राजा सहित सभी सैनिकों की स्वादिष्ट भूख की।

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कथा के अनुसार, कामधेनु के चमत्कार से प्रभावित होकर राजा सहस्त्रार्जुन को लालच आ गया और उसने भगवान परशुराम के पिता से उनकी गाय बलपूर्वक छीन ली। जब इस बात का पता भगवान परशुराम को पता चला तो उन्होंने राजा का वध कर दिया।

कहा जाता है कि राजा सहस्त्रार्जुन के पुत्रों ने अपने पिता के वध का बदला लेने के लिए भगवान परशुराम के पिता का वध कर दिया था। पति के वियोग में भगवान परशुराम की माता सती हो गई। माना जाता है कि पिता के शरीर पर 21 घाव को देखकर भगवान परशुराम ने प्रतिज्ञा ली कि वह इस वंश का सर्वनाश करेंगे। ऐसे में उन्होंने 21 बार हैहय वंश का अंत किया।

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