भारत के कई राज्यों में को विभाजित -19 के मामलों में उछाल ने उद्योग जगत को अपनी कार्य से गृह योजना को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। दफ्तर से काम शुरू होने के बाद, बहुत सारी कंपनियां वर्क फ़ॉर होम मोड की तरफ वापस आ गई हैं या अप्रत्याशित रूप से हर विभाग के दफ्तरों में कर्मचारियों को कम कर दिया गया है।
कोरोना ने कंपनियों को मजबूर किया
कुछ दफ्तरों ने कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए उच्च प्रबंधन से इजाजत लेने और अपने घर-कार्यस्थल के बीच कथा के लिए निजी वाहन इस्तेमाल करने को कहा है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक और पार्ले प्रोडक्ट्स घर से काम की तरफ वापस आ गए हैं। कुछ अन्य जैसे आईटीसी, डाबर, सैमसंग, वीवो, पैरानासोनिक ने कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है।
आदित्य बिड़ला ग्रुप से जुड़े संतरुप्त मिश्रा ने इकोनोमिक टाइम्स को बताया कि दफ्तर आनेवाले कर्मचारियों को 50 फीसद -60 फीसद से 35-40 तक आठए जाने की संभावना है। आईटीसी के अमितव मुखर्जी के हवाले से बताया गया कि कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा गया है। नवीनतम सलाह में कंपनी के कर्मचारियों को दफ्तर में कम से कम मौजूदगी को भी कहा गया है।
बैक-टु-वर्कफ़्लो योजना की ओर से वापसी
उन्हें सार्वजनिक परिवहन नहीं उपयोग करने, वर्क का लगातार इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग और शहर से बाहर की यात्रा को नजरअंदाज करने का सुझाव दिया गया है। कारोबार के पटरी पर आने के बाद अपने कर्मचारियों को वापस बुलाने वाली अटारी और उपभोक्ता वस्तु सेगमेंट की कुछ कंपनियों में अब कटौती कर रहे हैं।
मिसाल के तौर पर सैमसंग ने 30 फीसद तक की कमी कर दी है जबकि पहले उसके 50 फीसद कर्मचारी घर से काम कर रहे थे। विद्युत इलेक्ट्रोनिक्स के पास पहले 30 फीसद कार्य प्रति विभाग में 30 फीसद हुआ करता था, अब 10 फीसद कार्यक्षमता हो गई है। इसी तरह पैनासोनिक ने भी पहले 70 फीसद से कम कर 50 फीसद कर दिया है।
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