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यूपी पंचायत चुनाव में 3,27,036 उम्मीदवार निर्वाचित, 181 जिला पंचायत सदस्य भी घोषित

यूपी पंचायत चुनाव में 3,27,036 उम्मीदवार निर्वाचित, 181 जिला पंचायत सदस्य भी घोषित

by Sneha Shukla

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले महीने चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव की मतगणना रविवार सुबह शुरू हो गई और सोमवार शाम आठ बजे तक विभिन्न पदों के लिए 3,27,036 उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों से मिली सूचना के आधार पर जिला पंचायत सदस्य पद के 181, ग्राम पंचायत सदस्य पद के 2,32,612 उम्मीदवार, ग्राम पंचायत प्रमुख के पद पर 38,317 और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद 55 55,926 उम्मीदवार निर्वाचित घोषित किए गए।

इस प्रकार 3,27,036 उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। आयोग के अनुसार अनिश्चित प्रदेश के 75 जिलों के 826 केंद्रों पर चलने के तरीके से मतगणना चल रही है। सूत्रों के अनुसार यह मतगणना मंगलवार तक चलने की उम्मीद है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक श्याम सिंह यादव की भतीजी और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन मैनपुरी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई। संध्या यादव ने मैनपुरी जिले के वार्ड नंबर 18 से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रमोद यादव ने परजित किया।

मैनपुरी के भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने बताया कि संध्या यादव जिला पंचायत के अध्यक्ष थे और वह सपा के टिकट पर कल चुनाव जीती थे लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ी लेकिन हार गई। मैनपुरी से सपा के विधायक राजकुमार उर्फ ​​राजू यादव की पत्नी वंदना यादव वार्ड नंबर 28 से जिला पंचायत सदस्य के लिए किस्मत आजमा रहे थे लेकिन उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन यादव ने हरा दिया।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे सहित कई सूरमाओं के रिश्तेदारों को पराजय का सामना करना पड़ा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे रंजीत चौधरी जिला पंचायत के वार्ड नंबर 16 से परजित हो गए हैं। वह तीसरे स्थान पर रहा। भाजपा के लोकरथरोड क्षेत्र के विधायक धनन्जय कनौजिया की मां सरयकुमारी देवी नगरा क्षेत्र पंचायत के वार्ड नंबर 19 से चुनाव हार गए हैं।

इसके अलावा भाजपा के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर के पुत्र अटल राजभर जिला पंचायत के वार्ड नम्बर 24 से, सपा नेता और पूर्व मंत्री शारदा नंद अंचल के पौत्र विनय प्रकाश अंचल जिला पंचायत के वार्ड नम्बर 27 से और भाजपा के गोरक्षनाथ प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव यादव जिला पंचायत के वार्ड नम्बर 10 से चुनाव हार गए हैं।

भाजपा नेता पूर्व सांसद बब्बन राजभर के भाई लल्लन राजभर सीयर क्षेत्र पंचायत के गजियापुर ग्राम पंचायत से प्रधान पद के और भाजपा सांसद नीरज शेखर के करीबी रिश्तेदार आलोक सिंह सीयर क्षेत्र पंचायत के मझौवा से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं। अलबत्ता बसपा नेता पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के पुत्र आनन्द चौधरी जिला पंचायत के वार्ड नम्बर 44 से चुनाव जीत गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया था

उल्हाटेबल है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद वोटों की गिनती का रास्ता साफ हो गया और रविवार सुबह आठ बजे से 75 जिलों में चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना शुरू हो गई। मतपत्रों के जरिये हुए इन चुनावों के नतीजे रविवार से ही आने लगे थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रमुख और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए रविवार सुबह आठ बजे से मतगणना चल रही है।

आयोग के अनुसार, जिला पंचायत सदस्य के सात, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,005, ग्राम पंचायत प्रमुख के 178 और ग्राम पंचायत सदस्य के 3,17,127 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इस प्रकार राज्य में चारों चरणों के चुनाव क्षेत्रों से कुल 3,19,317 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं। आयोग के अनुसार कोविड -19 महामारी के मद्देनजर पंचायत चुनाव की मतगणना कड़े प्रोटोकॉल के तहत की गई।

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन

राज्य निर्वाचन आयु आयु मनोज कुमार ने सभी जिला प्राधिकरणों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को हर मतगणना केंद्र पर चिकित्सा सहायता डेस्क खोलने के आदेश दिए थे और साथ ही स्पष्ट कहा था कि कोविद -19 के लक्षण होने पर मतगणना स्थल पर प्रवेश नहीं करने देंगे। उन्होंने निर्देश दिया था, “मतगणना कक्ष या परिसर में प्रवेश के समय सभी व्यक्तियों की थर्मल सुरक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी। आयोग ने विजय जुलुस पर प्रतिबंध लगा दिया है और किसी भी प्रत्याशी को विजय जुलुस की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्याशियों और अभिकर्ताओं को आरटीपीसीआर ओर्पाड एंटीजन जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाये जाने के बाद ही मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति मिली। मतगणना केंद्र पर जाने वाले सभी लोगों को सकंट लगाना जरूरी किया गया है। “

पंचायत चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन जैसे राजनीतिक दलों ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि इन भागों के उम्मीदवार पार्टी के चुनाव निशान पर नहीं, बल्कि आयोग द्वारा दिए गए व्यक्तिगत चुनाव चिहनों पर मैदान में उतरे हैं। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान नहीं हुए थे। पहले चरण में 15 अप्रैल, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान हुआ था। राज्य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रमुख के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 और जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए वोट नहीं गए हैं।

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