गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच पाक महीना माह-ए-रमजान शुरू हो चुका है। इसका असर बाजार पर भी साफ दिखाई दे रहा है। कोरोना और नीट कर्फ्यू की कसनी ने भी रमजान पर असर डाला है। धार्मिक प्रतिष्ठानों पर पांच लोगों की संख्या की बाध्यता और रात 9 बजे के पहले ही तरावीह की नमाज अदा कर घर के अंदर जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने के प्रशासन के सख्त निर्देश हैं। मौलानाओं ने भी अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इसकी कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।
ये बाजार का हाल है
गोरखपुर में वैश्विक महामारी के खतरे के बीच मैदान का क्या हाल है, ये जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम शहर के नखास चौक पर पहुंची। यहां सेवई का बड़ा बाजार लगता है। इसके साथ ही दुकानदार ड्राई फ्रूट्स भी रखते हैं। लेकिन, कोरोना और रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक लगने वाले नीत कर्फ्यू की वजह से बाजार पूरी तरह से ठंडा है। जहां देर रात तक प्लेटफार्मों में रौनक नजर आती थी वहां अब दिन में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है। शहर के हर बाजार का यही हाल है। शाहमारूफ की जामा मस्जिद के पास भी हाल ही में है।
सन्नाटा पसरा हुआ है
नखास चौक पर सेवई की दुकान लगाने वाले दुकानदार मेंहदी हसन बताते हैं कि कोरोना की वजह से इस बार बाजार पूरी तरह से मंदा है। सड़क पर सन्यनाटा पसरा हुआ है। उनके पास 10 से 20 तरह की सेवई है। बनारसी और लोकल सेवई के अलावा लार्डबर्ड सेवई लोग पसंद करते हैं। लेकिन, रात में 9 बजे से सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन की वजह से सड़क पर सन्तनाटा हो रहा है। दुकानदार मोहम्ममद अजहर बताते हैं कि उनके पास 20 वैरायटी की सेवई है। लेकिन, बाजार में रौनक नहीं है। उनके पास 60 रुपए से लेकर 120 रुपए कीमत तक की सेवई है। हालाँकि, बाजार में 60 से 180 रुपए तक की सेवइयां भी हैं।
बाजार में भीड़ नहीं है
सेवई खरीदने वालोंवाल से गोरखपुर आए सद्दाम हुसैन बताते हैं कि वे नखास चौक पर सेवई खरीदने के लिए गांव से आए हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर बाजार में भीड़ नहीं दिख रही है। विशेष रूप से सेवई और ड्राई फ्रूट्स खरीदने वालों में उत्पीड़न नजर नहीं आ रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से सख्ती से भी जियालदा है। यही कारण है कि बाजार में लोग कम निकल रहे हैं। नीट कर्फ्यू भी प्रभावी है। इसका असर दिख रहा है।
लोग घर पर रहें
गोरखपुर के उर्दू बाज़ार शाहमार ग्राफ में स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम अब्दुल जलील मुजजिहिरी ने बताया कि प्रशासन से वार्ता हुई है। रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नीट कर्फ्यू लगाया गया है। इसका सभी को अनुसरण करना है। ज्यादातर प्रयास करना है कि सुबह, दोपहर और तरावीह की नमाज के बाद लोग घरों में रहें। बहुत जरूरी काम हो फिर बाहर निकलें। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। नमाज-ए-तरावीह में पाँच की संख्या महज अफवाह है। मा लागू करने के साथ सेनेटाइजर का खेल करें। नमाज-ए-तरावीह में 50 से 60 की संख्या रखें। डीएमए से उनकी बात हो चुकी है। रात में रमजान की घोषणा के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हुए शहीद मुबारक खां दरगाह के इमाम मोहम्ममद अफजल बरकाती ने कहा कि नीत कर्फ्यू पर अमल करना है। जो गाइडलाइन आएगी, उसका पालन करने के लिए तैयार हैं।
कोरोना गाइडलाइन का पालन आवश्यक है
गोरखपुर के सिटी मजिस्ट्रेटिन रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि सभी धर्मों के त्योहार हैं। शासन की गाइडलाइन साफ हैं। धर्मगुरुओं की बैठक कर बताया जा रहा है कि धार्मिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ 5 से अधिक की संख्या नहीं होगी। घर में पूजा और नमाज अदा कर सकते हैं। पाँच से अधिक की संख्या में प्रवेश न दिया जाए। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसेंसिंग, एमएंड और कोविड -19 की गाइडलाइन का पालन भी करना ब्रेकक है। नीत कर्फ्यू में बेबाक कार्यों से निकलने वालों को परेशान नहीं किया जा रहा है। लेकिन, इसके अलावा फालतू में घूमने पर सख्त आवाज पाबंदी है। इसका पालन किया जा रहा है।
फेकी है रौनक
रमजान में कोरोना का प्रभाव यूपी के गाजियाबाद जिले में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना के कारण तमाम पाबंदियों के बीच मैदान की रौनक फीकी पड़ती नजर आ रही है। एबीपी गंगा की टीम ने दुकानदारों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जब से कोरोना आया है तब से प्लेटफार्मों में सन्नाटा पसार है। कम लोग ही प्लेटफार्मों में आ रहे हैं, जिनके कारण व्यापार में घाटा होता है। सभी नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन ग्राहक बाजार में ना के बराबर हैं।
गाइडलाइंस का हो रहा है पालन
रमजान के पाक महीने में मुस्लिम लोग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना गाइडलाइंस के कारण ऐसा संभव नहीं है। मस्जिद में सिर्फ 5 लोग ही एक बार में नमाज अदा कर पाएंगे। मस्जिद के मौलाना मुफ्ती अख्तर कासमी ने बातचीत के दौरान बताया कि लोगों को पहले से ही निर्दिष्ट किया जा रहा था और मस्जिद के बाहर भी बोर्ड लगाए गए हैं। सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस का हम पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और लोगों से भी करवा रहे हैं।
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