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रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना, पूछा- किसके दबाव में की थी सचिन वाजे की नियुक्ति?

रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना, पूछा- किसके दबाव में की थी सचिन वाजे की नियुक्ति?

by Sneha Shukla

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पटना: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोपों वाली चिट्ठी सामने आने के बाद बीजेपी लगातार महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है। केंद्रीय क़ानून मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार के खिलाफ सवालों की झड़ी लगा दी है। बिहार की राजधानी पटना में पीसी आयोजित करते हुए उन्होंने उद्धव सरकार पर महाअघाड़ी लूट की सरकार का आरोप लगाया है।

किसके प्रस्ताव में सचिन वेज़ की नियुक्ति?

रविशंकर प्रसाद ने पीसी की शुरुआत करते हुए कहा कि मुंबई के एक पूर्व कमिश्नर ने चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा कि सचिन वाजे जो सस्पेंड थे, उन्हें गृह मंत्री ने उगाही का काम दिया था। बीजेपी की तरफ से इसमें कई सवाल हैं। सबसे पहले जो वाजे सस्पेंड थे, उन्हें कोरोना काल में नियुक्त क्यों किया गया? किसके कब्जे में आया? शिव सेना, सी.एम. क्यूं सचिन वेज़ के रोल को किया गया था?

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिस व्यक्ति का रिकॉर्ड चौंकाने वाला है, उसकी वसूली की गई है। दूसरा सवाल ये है कि शरद पवार का क्या रोल है? वे वरिष्ठ हैं पर उनकी भूमिका पर संदेह है? परमबीर सिंह ने कहा है कि वे उन्हें ब्रीफ करते थे। ऐसा क्यूं? वे सरकार के अंग नहीं हैं, फिर उनके ब्रीफ़िंग करने के पीछे दो सवाल। कई गंभीर आरोपों पर अवसाद पावर ने क्या कार्रवाई की?

शरण पवार की खमोशी एक गंभीर सवाल

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर सवाल उठाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनकी खामोशी गंभीर सवाल उठाती है। उद्धव ठाकरे सीएम हैं, पर चुप हैं। उनकी शांति क्या कहती है? सदन के अंदर और बाहर सचिन वज़े को स्पष्ट करना गंभीर सवाल उठाता है। सचिन वाजे असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर हैं और उनकी इतनी कूबत है कि उन्हें सीएम सलेंड करता है और गृह मंत्री सौ करोड़ की उगाही के लिए कहते हैं। सचिन वाजे से और क्या काम करते हैं गृह मंत्री ये बीजेपी जानना चाहते हैं। मैंने आजतक नहीं देखा कि एक असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर को सीएम वेंडर कर रही है। क्या मजबूरी थी, मैं जानना चाहूंगा। सचिन के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट है, हम जानेंगे।

“यह करप्शन नहीं ऑपरेशन लूट है”

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक असिस्टेंट कमिश्नर जो वर्षों तक सस्पेंड रहा, वह 2008 में शिव सेना में आया। गृह मंत्री अपने लिए उनसे सौ करोड़ रुपये की वसूली कर रहे थे। इसपर अवसाद पवार और कोटाव ठाकरे को जवाब देना होगा। इस विषय की शुद्धता को समझना होगा। सौ करोड़ का टार्गेट अगर मुंबई से था, तो कोटाव ठाकरे और पवार बता रहे हैं कि पूरे राज्य से कितने की वसूली का टार्गेट था। ये देश को चुनना जरूरी है और अगर एक मंत्री का टार्गेट सौ करोड़ तो बाकी मंत्रियों का टारगेट क्या था। उन्होंने कहा कि ये करप्शन नहीं, इसे ऑपरेशन लूट कहते हैं।

कोटव ठाकरे पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप बाला साहेब ठाकरे के बेटे हैं, मैं उनकी इज़्ज़त करता हूं। बाला साहेब ने कहा था, “जय महाराष्ट्र” लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार अपनी नैतिकता खो चुकी है। बीजेपी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएगी और सड़कों पर आएगी। ये महाअघाड़ी शासन की नहीं बल्कि महाअघाड़ी लूट की सरकार है।

मामले की सीबीआई जांच की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से हम एनआईए की जांच कर सकते हैं। लेकिन अगर उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो तो उन्हें इसकी जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए।



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