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नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर सियासत जारी है। कुछ राज्य सरकारों ने ज्यादा वैक्सीन की मांग उठाई तो केंद्र ने इसे राज्यों की नाकामी छिपाने का हथकंडा बताया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन राज्यों महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली को चिट्ठी लिखकर टीकाकरण को बढ़ाने को कहा था। इन राज्यों में टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से भी बहुत कम है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, ” दवा की कमी की वजह से लोगों को वापस भेजना पड़ रहा है..मांग है कि 20 से 40 एज ग्रुप के लोगों को प्राथमिकता मिली। ” पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा। कहा, ” दिन में अकाली दल रैलियो में कोरोना के साथ घूमता है। ” वहीं दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा, ” दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि देशवासियों को ज्यादातर वैक्सीन न देकर वैक्सीन एक्स की जा रही है। ”
हर्षवर्धन का जवाब
वैक्सीनेशन पर सवाल उठाने वालों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट के जरिए जवाब दिया। उन्होंने कहा, ”10 राज्यों में 90% स्वास्थ्यकर्मियों को पहला डोज दिया है ..जबकि महाराष्ट्र में 86%, दिल्ली में 72% और पंजाब में केवल 64% स्वास्थ्यकर्मियों का ही टीकाकरण हुआ है। वहाँ 12 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिन्होंने 60% से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी डोज दे दी है। लेकिन महाराष्ट्र और महाराष्ट्र में केवल 41% और पंजाब में 27% स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी डोज मिली है। ‘
ट्वीट के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री ने ये बताने की कोशिश की है, कि जिन राज्यों में अभी भी एयरलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन लगना बाकी है, वो भी सबके लिए वैक्सीनेशन की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीनेशन साइंटिफिक प्रक्रिया है। चरणबद्ध तरीके से ही आगे बढेगी।
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