<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> अयोध्या। रामनगरी अयोध्या जिले में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है। यहां हिंदू बहुल एक गांव में मुस्लिम ने प्रधानी का चुनाव जीता है। गांव में ज्यादातर लोग हिंदू परिवारों के हैं। फिर भी गांव के लोगों ने एक मुस्लिम को अपना प्रमुख चुना। रुदौली विधानसभा क्षेत्र के राजापुर इलाके के लोगों ने साबित कर दिया कि अभी भी हिंदू-मुस्लिम एकता कायम है। & nbsp;
प्रधानी का चुनाव जीतने वाले हाफीज अजीमुद्दीन को कुल 600 वोट में से 200 वोट मिले। उन्होंने अपने हिंदूवादी 6 हिंदू नेताओं को शिकस्त दी। अजीमुद्दीन ने अपने करीबी कोंदी से 85 वोट अधिक हासिल किए। & nbsp;
राजापुर गांव में 27 मुस्लिम मतदाता हैं। ये सभी लोग अजीमुद्दीन के बढ़ते परिवार के सदस्य हैं। अजीमुद्दीन ने अपनी जीत को ईद का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि गांव में मुस्लिमों की 27 वोट के अलावा बाकी सभी वोट मुझे हिंदुओं ने दिए हैं। उन्होंने मुझ पर अपनो भरोसा जताया है। & nbsp;
मदरसा में 10 साल तक पढ़ाया गया
अजीमुद्दीन पेशे से किसान हैं। उन्होंने मदरसा से हाफिज और आलिम की डिग्री हासिल की है। परिवार के साथ खेती-बाड़ी करने से पहले उन्होंने मदरसा में 10 साल तक बच्चों को पढ़ाया। अजीमुद्दीन को प्रमुख चुना जाने के बाद ग्रामीण शेखर साहू कहते हैं, "हमने धर्म के आधार पर वोट नहीं किया। हमने सिर्फ ये ध्यान में रखा कि हमारे लिए क्या बेहतर है। हम हिंदू हैं, लेकिन धर्मनिरपेक्षता का पालन करते हुए हमने एक मुस्लिम धर्मगुरु को अपने गांव के प्रमुख के रूप में चुना।"
अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन कहते हैं, "& ldquo; यह हमारे प्रभुत्व की अभिव्यक्ति है। यह दर्शाता है कि भारत में सांस्कृतिक विचारधारा का विचार सभी बाधाओं के बावजूद जीवित है। हमें व्यवहार और भाईचारे के संबंध को और मजबूत करना चाहिए।"
ये भी पढ़ें:
वीडियो: बदायूं में मुस्लिम धर्मगुरु के जनाजे में उमड़ा जनताैलाब, कोरोना नियमों की उड़ी धजीयां, केस दर्ज
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस: लॉकडाउन के दौरान यूपी में धीमी गति से कोरोना की अवस्था, 24 घंटे में इतने रोगी मिले ।
Homepage Click Hear
Homepage | Click Hear |