चैत्र नवरात्रि का आज आखिरी दिन है। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को रामनवमी मनाते हैं। इस वर्ष रामनवमी 21 अप्रैल दिन बुधवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 21 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 43 मिनट तक अष्टमी तिथि थी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो गई थी। जो कि 22 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी।
पुष्य नक्षत्र में मनाई जा रही रामनवमी-
रामनवमी के दिन सुबह 07 बजकर 59 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। पुष्य नक्षत्र को ज्यादातर शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए इस शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य होंगे।
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रामनवमी के दिन बनने वाले शुभ संयोग-
रामनवमी के दिन इस साल करण, बालव में 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके बाद कौलव – १२:३५ ए एम, २२ अप्रैल तक रहेगा। बालव और कौलव को ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दौरान शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
रामनवमी पर हो रहा है शूल योग-
इस वर्ष रामनवमी के दिन शूल योग शाम 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में शूल योग को शुभ नहीं माना जाता है। शूल की पहली 5 घटी को सभी कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। इसलिए प्रारंभ के 5 घटी कार्यों में अच्छे कार्य वर्जित होते हैं।
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रामनवमी पर पूजा के सभी शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:10 ए एम, 22 अप्रैल से 04:54 ए एम, 22 अप्रैल तक।
प्रात: सन्ध्या- 04:32 ए एम, 22 अप्रैल से 05:39 ए एम, 22 अप्रैल तक।
विजय मुहूर्त- 02:17 पी एम से 03:09 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:22 पी एम से 06:46 पी एम तक।
रवि योग- 07:59 ए एम से 05:39 ए एम, 22 अप्रैल तक।
निशिता मुहूर्त- 11:45 पी एम से 12:29 ए एम, 22 अप्रैल तक।
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रामनवमी पर बनने वाले अशुभ मुहूर्त
राहुकाल- 12:07 पी एम से 01:44 पी एम तक।
यमगंड- 07:16 ए एम से 08:53 ए एम तक।
गुलिक काल- 10:30 ए एम से 12:07 पी एम तक।
दुर्मुहूर्त- 11:42 ए एम से 12:33 पी एम तक।
वर्ज्य- 08:56 पी एम से 10:33 पी एम तक।
गण्ड मूल- 07:59 ए एम से 05:39 ए एम, 22 अप्रैल तक।
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