रुड़की: देश मे कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते मामलों से अब गांवों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण इलाके भी इस बार दोना की चपेट में हैं। लेकिन, अभी तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण लोगों की सुध नहीं ले रहे हैं। प्रशासन के इस रवैये से ग्रामीण खासे परेशान नजर आ रहे हैं।
भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है
बता दें कि, कोरोना की दूसरी लहर तेजी से अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रही है। नारसन खुर्द गांव के ग्रामीण महकार सिंह का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों की सुध लेने तक नहीं पहुंच रही है। सरकार या प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनकी सुध नहीं ले रहा है। उनका कहना है कि अब गांव के लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है।
डरे हुए लोग हैं
गौरतलब है कि, नारसन ब्लॉक में 60 से अधिक गांव हैं और वे सिर्फ एक सीएचसी के भरोसेमंद हैं। जिसमें कई लोग तो अस्पताल तक ही नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में कोरोना को लेकर डर बना हुआ है।
कोई भी गांव की ओर रुख नहीं कर रहा है
लोगों का कहना है कि 2020 में हुए लॉकडाउन के दौरान गांवों में पुलिस और प्रशासन लगातार गश्त करता था। लेकिन, जब कोरोना अपने चरम पर है तो कोई भी गांव की तरफ रुख नहीं कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के जो लोग थोड़े सावधान हैं, वे टीकाकरण केंद्र तक पहुंच रहे हैं।
उठाए गए कदम हैं
वहीं, मामले में एएसडीएम का कहना है कि पूर्व प्रधान और अन्य लोगों की मदद से गांव स्तर पर जल्द ही कमेटी बनाई जाएगी। जो व्यक्ति अन्य राज्य और रेड जोन से आ रहे हैं, उनका पता लगाकर सात दिनों तक उन्हें क्वारंटाइन करा कर चेक किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे कोरोना का ज्यादा संक्रमण गांवो तक ना फैल सके।
ये भी पढ़ें:
रायबरेली: कोरोना काल में गांवों का दौरा कर लोगों को जागरूक करने वाले अधिकारी हैं, इस बात से खौफ में ग्रामीण हैं
।
Homepage | Click Hear |