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ललन सिंह ने तेजस्वी पर साधा निशाना, कहा- बिल में घुसकर करते हैं बयानबाजी, RJD ने किया पलटवार

ललन सिंह ने तेजस्वी पर साधा निशाना, कहा- बिल में घुसकर करते हैं बयानबाजी, RJD ने किया पलटवार

by Sneha Shukla

पटना: कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच सूबे की राजनीतिक गलियारों में वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ जहां विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है। वहीं, दूसरे तरह के सत्ताधारी दल के नेता भी विपक्ष के हर वार पर पलटवार कर रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को ज़ीयू नेता और सांसद ललन सिंह ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।

बिल में घुसकर बयानबाजी करते नेता प्रतिपक्ष हैं

ललन सिंह ने कहा, “जब भी बिहार पर संकट आता है, तो तेजस्वी बिल में घुस जाते हैं। इतिहास गवाह रहा है, तेजस्वी ने कभी जनता के बीच में रहकर उनकी सेवा नहीं की। नेता प्रतिपक्ष बिल में घुसकर सिर्फ बयानबाजी करते रहते हैं। तेजस्वी नोयनानी पुरुष नहीं है। हाई स्कूल में एडमिशन भी नहीं हुआ। ऐसे में उनके बयान पर किसी तरह का नोटिस लेने की जरूरत नहीं है। “

अकबर नेता तालाबंदी की मांग कर रहा है

बिहार में लॉकडाउन लगाने की मांग करने वाले नेताओं पर हमला बोलते हुए ललन सिंह ने कहा, “ऐसे लोग अकबर नेता हैं, जो सिर्फ बैठे-बैठे ज्ञान देते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना के मामलों की रोज समीक्षा करते हैं। अगर राज्य। लॉकडाउन की जरूरत होगी, तो सीएम खुद फैसला लेंगे।

पहले खुद बिल से बाहर आए लल्लन सिंह

इधर, ज़ीयू नेता के बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है। आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि सांसद ललन सिंह जब खुद बिल में से झांकेगें तो उन्हें सबकुछ बिल में ही दिखाई देंगे और जब बिल से बाहर निकल कर देखेंगे तो उन्हें हर तरफ तेजस्वी ही तेजस्वी ने आंगे उड़ा दिया है। हालांकि, एनडीए के अधिकांश प्रमुखों को तो सपने में भी तेजस्वी ही दिखाई देते हैं। इसलिए ललन सिंह खुद भी बिल से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री सहित राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रियों सहित सभी सांसदों को बिल से बाहर निकाल दें तो निश्चित रूप से बिहार की बदहाल स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा।

आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक ​​ज्ञान की बात है, तो एनडीए में एक से एक डीग्रीधारी भरे हुए हैं पर उनका ज्ञान कहां चला जाता है जब बिहार की बर्बादी और तबाही के बाद ही उन्हें स्थिति की समझ हो पाती है या तेजस्वी यादव द्वारा स्थिति। की भावलीहता की ओर सरकार का ध्यान एक संभावित बना दिया जाता है। ऐसे डिग्री का क्या अर्थ है जो ज्ञान ही नहीं है।

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