पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव 9 मई को पार्टी के सभी एमएलए, एमएलसी और अन्य नेताओं के साथ वर्ग बैठक करने वाले हैं। हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर आए आरजेडी सुप्रीमो लगभग तीन साल बाद पार्टी नेताओं से क्लास मीटिंग के माध्यम से मुखतीब होंगे। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहेंगे। बैठक को लेकर तैयारी की जा रही है।
अपनों का साथ छोड़ देते हैं लालू यादव
इधर, सत्ता पक्ष के नेताओं ने आरजेडी सुप्रीमो पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आरजेडी की कक्षा बैठक से पहले लालू यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, “कितना भी क्लास मिटिंग कर रहे हैं, अब सबको पता लग गया है कि बुरी वक़्त में आप अपनों का साथ छोड़ देतें हैं। साहब के साथ जो आपने उसे कभी भुलाया नहीं। सब हो सकता है। याद रखना होगा, सब कुछ याद रखना होगा। “
कैसे भी वर्ग मिटिंग कर लिकि, अब सबको पता लग गया है कि बुरी वक़्त में आप अपनों का साथ छोड देसें हैं।
साहब के साथ जो आपने उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता था।
सब याद रखना होगा,
सब कुछ याद रखा जाएगा।– जीतन राम मांझी (@jitanrmanjhi) 6 मई, 2021
बता दें कि आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद से लगातार विवाद जारी है। सत्ता पक्ष के नेता विशेष रूप से हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी और दानिश रिजवान लगातार आरजेडी नेताओं पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले उन्होंने शहाबुद्दीन के अंतिम संस्कार में पार्टी नेताओं के शामिल नहीं होने के मुद्दे पर लक्ष्य साधा था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “अल्लाह शहाबुद्दीन मरहूम को जन्नतुल फ़िरदौस में उंचा मुकाम दें। जिन लोगों के लिए मरहूम ने पूरी जिन्दगी चिप लगा दी, आज वह और उनके ख़ान मरहूम के जनाजे में भी शामिल नहीं हुए। इस गलती के लिए ना। तो उनकी रूह उन्हें जीवित नहीं करेगी।
अंतिम संस्कार में पार्टी नेता नहीं शामिल थे
गौरतलब है कि बिहार के सिवान संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में शनिवार की सुबह निधन हो गया था। कोरोनात्मक होने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया था। कोरोनागम होने की वजह से उनके पार्थिव शरीर को बिहार नहीं लाया गया।
इस बात को लेकर काफी विवाद हुआ। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब अकेले ही परिस्थिति से सामना कर रहे हैं। पार्टी के कोई नेता दिल्ली नहीं पहुंचे। इसी बात पर विवाद जारी है। सूत्रों की मानें तो शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब भी इस बात से काफी नाराज हैं। यही कारण है कि बिहार वापसी के बाद भी वे पार्टी के नेताओं से नहीं मिल रहे हैं।
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