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वैक्सीन लगवा चुके 65 और उससे ज्यादा उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती होने खतरा कम

वैक्सीन लगवा चुके 65 और उससे ज्यादा उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती होने खतरा कम

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण में शामिल फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन बुजुर्गों के बीच अस्पताल में भर्ती होने की रोकथाम में बेहद प्रभावी हैं। बुधवार को जारी रिसर्च के मुताबिक, इस समूह को गंभीर बीमारी और मौत का सबसे ज्यादा खतरा है। सेंटर फोर डिजीज एंड कंट्रोल ने कहा कि नतीजे पहली बार असली सबूत को आश्वस्त कर रहे हैं कि अमेरिका में दोनों वैक्सीन को विभाजित -19 के गंभीर लक्षण को रोक पाने में सफल रहे जैसा उन्होंने मानव परीक्षण के दौरान असर दिखाया था। <। पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> 65 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती होने की कम जरूरत

सीडीसी के मुताबिक, रिसर्च के दौरान 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को कोविड -19 वैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए, उन्हें कोविड -19 के कारण एक ही उम्र ग्रुप के अन्य लोगों की तुलना में कम अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। पियरी। जिन लोगों का आंशिक रूप से टीकाकरण किया गया, उन्हें डोज नहीं लगवाने वालों के मुकाबले बीमारी से 64 फीसद कम अस्पताल में भर्ती होने की संभावना थी।

गंभीर बीमारी का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है, क्योंकि बुजुर्गों को सबसे ज्यादा जोखिम होता है। सीडीसी ने टीकाकरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी थी। डेटा से पता चलता है कि अमेरिका में 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के 68 फीसद यानी 37 मिलियन से ज्यादा लोगों ने डोज के दोनों खुराक लगवा लिए हैं। & nbsp; नए शोध से खुलासा हुआ कि अस्पताल में भर्ती होने का खतरा स्पष्ट तौर पर फाइजर है। -बायोटेक या मॉडर्ना की वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद कम हो गया है। p p = ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सीडीसी ने कहा है कि विभाजित -19 से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा

परिणामजे सीडीसी की मोर्बिडिटी और मोर्टेलिटी वीकली रिपोर्ट में प्रकाशित हए हैं। सीडीसी डायरेक्टरसेलसेल वालसिंकी ने बयान में कहा, "यह खोज हौसला बढ़ानेवाली है, जिसमें तीन आबादी के लिए स्वागत योग्य खबर है कि 65 साल और इससे अधिक लोगों ने पहले ही पूरा डोज इस्तेमाल किया है।"

ये रिसर्च खुद को इजराइल में किए गए रिसर्च से अलग करता है जिसमें समान परिणामजे उजागर हुए थे, लेकिन सिर्फ फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के असर को देखा गया। & nbsp; भारत बंद दरवाजों के पीछे भी लोगों के चेहरे पहनने की अपील कर रहा है। , इस बीच सीडीसी ने 27 अप्रैल को नई गाइडलैन्स जारी की थी, ये कहते हुए कि जिन लोगों का पूरी तरह देश में टीकाकरण हो चुका है, वो बाहरी और अंदरुनी सरगर्मियों के दौरान संकाय पहनना बंद कर सकते हैं। & nbsp; < पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> दिल की सेहत: दिल को लेकर ना बरतें लापरवाही, जानिए इसके अच्छे सेहत के कुछ कारगर टिप्स

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