शास्त्र उल्टी वायरस की चाल के साथ सिंक करें. 23 मई 2021 से 11 2021 तक शनि वक्री। 141 शनिदेव की शनिदेव की वैराइटी और शनि ढैय्या से सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्पादित करेंगे। सूर्यदेव की सुरक्षा से बचाव के उपाय-
शनि की साती का इन पदों पर-
विविधा में धनु, मकर राशि पर शनि की साती चाल चल रही है। ऐसे में शनि की वक्री चालें इनलाइनों के आगे बढ़ सकती हैं। शनि की साती के तीन चरणों में हैं। धनु राशि पर लागू होने वाले पहले चरण में प्रथम चरण में प्रवेश करने वाले पहले चरण में प्रथम चरण में प्रवेश करते हैं। धनु राशिफल को 29 अप्रैल 2022 को शनि की साती महादशा से मिलन होगा। इस शनि देव का राशि परिवर्तन होगा।
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इन राशियों पर शनि ढैय्या का प्रभाव-
23 मई से 141 दिन शनि ढैय्या से मित्रगण्य मि. आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण यह भविष्य में परिवर्तित हो रहा है। धूप में अच्छी तरह से काम नहीं करता है।
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शनि की साती और शनि ढैय्या से बचाव के उपाय-
शनि दोष से परिचारिका ने अपने शनि देव के मंत्र ‘ओ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप अवश्य करें। पूरब के फूल के फूल के फूल आने से ठीक पहले। दैनिक महामृत्युंजय मंत्र या ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप और सुंदरकाण्ड का टेक्स्ट से शनिदेव प्रसन्न होंगे। शुक्रवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
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