जौनपुर: मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अमरपुर गांव में मानवता को तार-तार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक पति अपनी मृतक पत्नी को अकेले दाह संस्कार करने के लिए साइकिल से लेकर जा रहा था। इसके बाद भी गांव वालों में मानवता नहीं जागी। पति को दाह संस्कार करने से गांव की सरहद पर रोक दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे रामघाट ले जाकर दाह संस्कार करवाया।
गाँव में नोटिंग को अंतिम संस्कार नहीं दिया गया
घटना के मुताबिक, अम्बरपुर निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी 50 दिन से बीमार चल रही थी। सोमवार को अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो पति ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने ना तो बेड दिया और न ही दवाई दी। इसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। पति तिलकधारी पत्नी का शव लेकर दोपहर में घर पहुंचा। वहाँ कोरोना का हवाला देते हुए कोई भी उसके घर नहीं पहुँचा। शव की स्थिति खराब होती रही थी। इसके कारण पति, पत्नी के मृत शरीर को साइकिल पर लादकर अकेले गांव के नदी के किनारे दाह संस्कार करने के लिए जा रहे थे।
पुलिस का मिला साथ
अभी नदी के किनारे चिता भी नहीं लगी थी कि गांव के लोगों ने शव जलाने से रोक दिया था। सूचना मड़ियाहूं कोतवाल इंस्पेक्टर मुन्ना राम धुसियां को मिली तो वह गांव पहुंचकर शव को वापस घर लाए और दा संस्कार का सामान मंगा कर जौनपुर स्थित रामघाट पुलिस की देखरेख में भेज दिया।
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