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संस्कृत के प्रख्यात प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ का 60 साल की उम्र में निधन, जानिए उनकी अनोखी उपलब्धि

संस्कृत के प्रख्यात प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ का 60 साल की उम्र में निधन, जानिए उनकी अनोखी उपलब्धि

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रोफेसर और संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान खालिद बिन यूसुफ का आज की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके परिवार के सदस्यों ने इस बात की जानकारी दी। परिवार के सदस्यों के मुताबिक प्रोफेसर युसूफ में को विभाजित -19 संक्रमण के लक्षण पाए गए थे और वह गंभीर निमोनिया से जूझ रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

प्रोफ़ेसर यूसुफ भारत के ऐसे पहले मुस्लिम थे जिन्होंने ऋग्वेद में डॉत की डिग्री हासिल की थी। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर यूसुफ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। गौरतलब है कि पिछले लगभग एक पखडिंग के दौरान एएमयू के 13 सेवारत शिक्षकों की मौत हुई है, जो या तो को विभाजित -19 से सावधानियाँ थीं या फिर उनमें इस संक्रमण के लक्षण थे। & nbsp;

प्रोफिलिड ने अपने 30 साल के करियर के दौरान कई पेपर पब्लिश किए। वे अब तक नौ पुस्तकें लिख चुके हैं। उन्हें कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका था। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सबसे प्रसिद्ध प्रोफेसरों में शुमार थे। उनके निधन पर एएमयू के तमाम प्रोफेसर ने शोक जताया है। & nbsp;

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