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सक्सेस मंत्र: कठिन समय में अपनी रणनीति पर फिर से नजर डालनी चाहिए

by Sneha Shukla

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कुछ ऐसा काम करते हैं कि दूसरों की जिंदगी में बदलाव संभव है। यही बात कॉन्टेक्टलेस हेल्थ डिटेल स्टार्टअप ‘डोजी’ के सह-संस्थापकों मुदित दंडवते और गौरव परचानी के दिमाग में हमेशा घूमती रहती थी। वे दोनों करियर में काफी अच्छे कर रहे थे, जिस संतुष्टि की चाह उन्हें थी, वह नहीं मिल रही थी। दोनों ने कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जो लोगों की जिंदगी पर अच्छा प्रभाव डाल सके। उनकी इस सोच का नतीजा है देश का पहला कॉन्टेक्टलेस हेल्थ एक्सपेरीमेंट ‘डोजी’।

यह तस्वीर के नीचे रखे जाने वाला संपर्क रहित उपकरण है, जो शरीर के अंगों को स्पर्श किए बिना दिल की स्थिति, बीपी और सांस से जुड़ी समस्याओं पर नजर रखने में मदद करता है। तनाव प्रबंधन और बेहतर नींद में मददगार होने के कारण कोरोना काल में इस उपकरण की भूमिका बढ़ गई थी। मुदित दंडवते कहते हैं, ‘हम आज एक डेटा आधारित दुनिया में रहते हैं और डोजी किसी भी उन्नत चिकित्सा उपकरण की तरह डेटा को अपडेट करने में मदद करता है।’ यह शरीर के सूक्ष्म कंपनों को ग्रहण करता है और डेटा के बर्डबोर्ड या एप्स में संग्रह करता है। जैसे ही इसकी रीडिंग में कोई बदलाव नहीं होता है, यह तुरंत डॉक्टर को या परिवार को इसका संदेश देना होता है। इसकी कीमत 98.4 प्रतिशत है। आज चौदह हजार से ज्यादा अस्पतालों और घरों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

इंड कैसे हुआ:
29 वर्षीय मुदित और गौरव परचानी आईआईटी इंदौर से के की डिग्री हासिल करने के बाद अच्छी-खासी नौकरी कर रहे हैं। पर, अपनी सोच को हकीकत में बदलने के लिए दोनों ने नौकरी छोड़ दी और पांच साल तक इस कॉन्सेप्ट पर काम किया और 2019 में डोज को दुनिया के सामने लेकर आए। मुदित कहते हैं, ‘मैंने रेस कार बनाने से शुरुआत की थी, फिर क्रिकेट बैट बनाया और अब हेल्थकेयर के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।’

मुदित अपने निजी जीवन में बेहद कठिन समय से गुजरे हैं। एक बार बेंगलुरु के बाहरी इलाके में वह एक झील के पास घूमने के लिए गए थे। वहां उनका डॉगी गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने के लिए वह झील में उतर गई मगर एक मगरमच्छ की चपेट में आ गई। वह उनका हाथ चबा गया। मुदित ने हाथ बांधकर खून को ज्यादा बहने से रोका और दो लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचे। इस दुर्घटना में उनका एक हाथ चला गया। उन्होंने अपना हौसला पस्त नहीं दिया। अपने लिए खुद ही प्रोस्थेटिक हाथ डिजाइन किया और लगातार अपने काम में लगे रहे। उसी वर्ष उन्होंने गौरव के साथ मिल कर ‘डोजी’ को लॉन्च किया।
मुदित का मानना ​​है कि कठिन समय शानदार अवसर भी होते हैं। ‘ दोनों के इस काम की अहमियत और उपयोगिता को देखते हुए फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें 2021 की ‘भारत 30 अंडर 30’ सूची में सूचीबद्ध किया है।
सक्सेस मंत्र: कठिन समय में अपनी रणनीति पर फिर से नजर डालनी चाहिए। अपने संसाधनों का चतुराई से और निष्पादन उपयोग करना चाहिए। कठिन परिस्थितियों में परीक्षा होती है।

प्रस्तुति: राजीव रंजन



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