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"मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। कहे कबीर हरि पाइए मन ही पर अनन्त ।।"अर्थात- जीवन में जय और पराजय केवल मन के भाव हैं। यानी जब हम किसी कार्य के शुरू में ही हार मान लेते हैं कि हम …।
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