वर्तमान समय में हर कोई सफलता पाना चाहता है। कठिन परिश्रम के बावजूद भी कई बार लोग सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में सफलता पाने का मूल मंत्र बताया है। चाणक्य कहते हैं कि जीवन में सफल होने के लिए हर व्यक्ति को कुछ चीजों का पालन करना चाहिए। जानिए सफलता पाने के मूल मंत्र-
1. आलस- आचार्य चाणक्य के अनुसार, आलस किसी रोग से कम नहीं है। जीवन में सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति को आलस से दूर रहना चाहिए। इसलिए अपने लक्ष्य को पाने के लिए आलस का त्याग करना चाहिए।
2. स्वभाव- चाणक्य कहते हैं कि क्रोध मनुष्य का सर्वनाश कर देता है। स्वभावी व्यक्ति जीवन में कभी सफलता हासिल नहीं कर पाता है। नीति शास्त्र के अनुसार, क्रोध से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। ऐसे में सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति को गुस्सा पर काबू रखना चाहिए।
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3. गुरु का प्रारंभ- लक्ष्य पाने के लिए जरूरी है कि कभी गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए। गुरु का अपमान करने वाला व्यक्ति कभी सफलता हासिल नहीं कर पाता है। चाणक्य के अनुसार, पुस्तकों को पढ़ने से सिर्फ ज्ञान प्राप्त नहीं होता है। विद्या गुरु के सानिध्य से ही प्राप्त होती है। इसलिए गुरु का अपमान कभी नहीं करना चाहिए।
4. अतिनिद्रा का त्याग करें- चाणक्य कहते हैं कि एक दिन में 8 घंटे की नींद पर्याप्त होती है। नीति शास्त्र के अनुसार, अतिनिद्रा की स्थिति लक्ष्य प्राप्ति में बाधा बनती है। इसलिए लक्ष्य प्राप्ति के लिए अतिनिद्रा का त्याग करना चाहिए।
5. लालच- लालच प्राप्ति प्राप्ति के रास्ते में बड़ा रोड़ा है। लालच लक्ष्य प्राप्ति में बाधा पैदा कर सकता है। ऐसे में किसी लालच वश किसी भी कार्य को नहीं करना चाहिए।
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6. मनोरंजन का त्याग करें- चाणक्य के अनुसार, लक्ष्य को पाने के लिए मनोरंजन का त्याग कर देना चाहिए।
7. माता-पिता का अपमान ना करें- चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए। माता-पिता की उपाधि भगवान से बहुत ऊंची है। ऐसे में माता-पिता का अपमान नहीं करना चाहिए।
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