<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सुपौल ः सरायगढ़ भपटियाही बाजार के समीप कोसी नदी के किनारे रविवार को हाईवे के किनारे स्पर पर रहने वाले लोगों ने एक शव को जलाने से रोक दिया। शव को सुपौल सदर अस्पताल एकर्न्स से संस्कार के लिए वहाँ लाया गया था। एर्केन से जैसे बैग में बंद शव को नदी के पास उतारा गया है कि स्थानीय लोग विरोध करने लगे। लोगों ने एंकरेंस को रोक दिया और उसके चालक को शव को वापस ले जाने का दवाब बनाने लगे।
इस संबंध में एकारेंस चालक का कहना था कि मृत व्यक्ति का नाम शिव शंकर कुमार है जो 38 वर्ष का है और वह करजाईन वार्ड नंबर 14 का रहने वाला है। उसके परिजन ने यह कहा था कि शव को कोसी नदी के किनारे जलाया जाएगा, जिसके कारण वे सभी वहां आए थे, लेकिन लोग शव को तुरंत वापस ले जाने के लिए कहने लगे।
इसके बाद एएरेंस चालक ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी। स्थानीय कुछ लोगों ने कोरोनाचारी शव कोसी नदी के किनारे प्रेषक परपालपुर पदाधिकारी को जानकारी देते हुए आपत्ति जताई। पटेलपुर पदाधिकारी के आदेश पर भपटियाही थानाध्यक्ष राघव शरण पुलिस बल के साथ गुप्ता लाइन होटल के समीप पहुंचे। भपटियाही अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक मु। मिनतुल्लाह भी वहां पहुंचे।
थानाध्यक्ष ने लोगों के विरोध को देखते हुए शव को फिर एकर्न्स पर लेकर करजाईन भिजवा दिया तब जाकर शांत हुए। चार दिन पूर्व भी सुपौल वार्ड नं 14 निवासी कोर्ट कर्मी की भी मौत कोरोना की वजह से हो गई थी। उसके शव को भी सरकारी शवदाह गृह मुक्तिधाम के आसपास के लोगों ने नहीं जलने दिया था। इसके बाद सुपौल रेलपाल पदाधिकारी मनीष कुमार ने कोर्ट कर्मी की निजी जमीन में दाह संस्कार करवाया।
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