पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सोमवार को आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “शिवानंद तिवारी ने चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद को जेल भिजवाया, लेकिन जब लालू प्रसाद की मेहरबानी से उन्हें संंगथन में बड़ा पद और बेटे को विधायक बनवाने में सफलता मिल गई, तब संन्यास तोड कर लालू चालीसा पढ रहे हैं। “
सुशील मोदी ने कहा, “वे राज्यसभा का टिकट पाने के लिए कभी नीतीश कुमार तो कभी लालू प्रसाद के समर्थक बनते रहे, लेकिन भरोसेमंद किसी के नहीं हुए।”
सिद्धांत के प्रति निष्ठावान नहीं रहे शिवानंद तिवारी
राज्यसभा सांसद ने आरजेडी नेता पर तंज कसते हुए कहा, “शिवानंद तिवारी में अगर समाजवाद को लेकर ईमानदारी बची होती, तो उन्होंने बेनामी सम्पत्ति के आरोपी तेजस्वी प्रसाद यादव का बचाव न किया होता। उनके सामाजिक न्याय के प्रति निष्ठा होती तो वे रधुवंश प्रसाद होते। सिंह की तरह उच्च जाति के गरीबों को 10, फीसद आरक्षण देने के एनडीए सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं, जिनकी राजनीति न सिद्धांत के प्रति निष्ठावान रही, न पार्टी नेतृत्व के प्रति, वे दूसरों पर टिप्पणी कर रहे हैं। “
शिवानंद तिवारी ने कही थी ये बात
दरसअल, आरजेडी नेता ने रविवार को एक बयान जारी कर सुशील मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने राज्यसभा सांसद पर हमला बोलते हुए कहा था, “सुशील मोदी इतना गिर सकता है, इसकी कल्पना मुझे नहीं थी। लालू यादव की ज़मानत पर उसकी जो प्रतिक्रिया आई है, उसे पढ़ कर घिन आती है। लालू राजनीतिक जीव हैं। विद्रोह किसी राजनीतिक। बंधन के अदालत ने उन्हें छोड़ दिया है। सुशील मोदी की यह हैसिटी नहीं हो पाई है कि वह लालू यादव को राजनीति करने से रोक सके। “
उन्होंने कहा, “मैंने देखा है कि छात्र राजनीति के ज़ाने से वह लालू यादव को लेकर हीन भावना का शिकार है। अपनी राजनीतिक मक़सद हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। दरअसल, राज्य सभा में जाने के बाद। एक झूठी उम्मीद पाल रखी है। उसको भ्रम हो गया था कि नरेंद्र मोदी निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय से हटाकर उसको तुरंत वित्त मंत्री बना देंगे। इंतजार करना नहीं हो रहा है। बयान दिया गया है। “
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