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हरिद्वार: धर्म नगरी हरिद्वार में शुक्रवार को गढ़वाली लोककला और संस्कृति की झलक दिखाई दी। प्रेमनगर आश्रम में देवभूमि लोक संस्कृति विसार्य शोभायात्रा समिति के माध्यम से मेले के अवसर पर भगवान बद्रीनाथ और हनुमान जी की पवित्र धर्म ध्वजा की स्थापना की गई। इस कार्यक्रम में महिलाएं गढ़वाली पारंपरिक पोशाक पहने हुए नजर आई। गढ़वाली वाद्य यंत्र जैसे रणसिंघा, ढोल, दमाऊ, मस्क बीन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
वेशभूषा भी लोगों को खूब आकर्षित करती है
उत्तराखंड की संस्कृति देश विदेश में विख्यात है। यहां की पारंपरिक वेशभूषा भी लोगों को खूब आकर्षित करती है। शुक्रवार को प्रेम नगर आश्रम में देव डोली कि धर्म ध्वजा में उत्तराखंड की संस्कृति देखने को मिली। महिलाएं उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक में नजर आईं और उत्तराखंड के उपकरण यंत्रों को अलग-अलग ही बांध दिया गया है। वाद्य यंत्र बजाने वाले वादक भगत दास ने कहा कि ये हमारी गढ़वाल की संस्कृति है। रणसिंघा, ढोल, दमाऊ, मस्क बीन गढ़वाल के उपकरण यंत्र हैं। उन्हें सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
कुंभ में दिखेगी अलग ही छटा
उत्तराखंड के वाद्य यंत्र और यहां की पारंपरिक पोशाक देश विदेश में काफी प्रचलित है। कुंभ में उत्तराखंड की अलग ही छटा देखने को मिलेगी जब उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों की धुनों पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी नाचने को मजबूर हो जाएंगे। साथ ही यहां की लोक संस्कृति और पारंपरिक पोशाक भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देगी।
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