<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> हरिद्वार: 21 अप्रैल को होने वाले रामनवमी स्नान को लेकर मेला प्रशासन ने तैयारी पूरी तरह से की है। पूरे मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं। 12 और 14 अप्रैल को हुए शाही स्नान के बाद राम नवमी का पर्व स्नान कुंभ मेले के मद्देनजर में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि को विभाजित की वजह से यात्रियों की संख्या काफी कम है, बावजूद इसके मेला प्रशासन का दावा है कि स्नान के लिए आने वाले हर एक श्रद्धालु को आरटी पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।
प्रशासन की सख्ती
वहीं, आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा। उप मेला अधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि, रामनवमी पर्व को लेकर मेला प्रशासन की सभी तैयारी हैं, हालांकि दिल्ली और देश के बड़े शहरों में हुए लॉक डाउन के बाद श्रद्धालुओं की संख्या कम हो सकती है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रामनवमी है। स्नान पर सख्ती बरती जाएगी।
कई साधु-संत हुए दोष
आपको बता दें कि, हरिद्वारंब में शाही स्नान के लिए आया तमाम अखाड़ों के साधु-संत कोरोना गुणों वाले हैं। इसके अलावा, महामंडलेश्वर की मृत्यु के बाद अखाड़ों में भी भय है। पीएम की अपील के बाद जूना अखाड़े ने सबसे पहले कुंभ की समाप्ति का एलान किया।
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