Home » होली : रंगों के उत्सव पर इन बातों का रखें ख्याल 
DA Image

होली : रंगों के उत्सव पर इन बातों का रखें ख्याल 

by Sneha Shukla

[ad_1]

फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाने वाला होली का त्योहार खुशियों और उत्साह के साथ आता है। रंगों के इस उत्सव के बारे में माना जाता है कि इस त्योहार पर सभी मनमुटाव दूर हो जाते हैं। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि इस त्योहार से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो अपने जीवन में खुशियों के नए रंग बिखेर रहे हैं।

होली पर अपने घर या दस्तावेज की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति पाते हैं और घर की पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज का चित्र बनाते हैं। घर की दक्षिण दिशा में दौड़ते हुए घोड़ों का चित्र मिलता है। होली के अवसर पर घर में शिरकत लाएं और इसे अपने घर या दुकान में स्थापित करें। होली पर मोती शंख को घर में लाएँ। अपने घर के मुख्य द्वार पर द्विमुखी दीपक जलाते हैं। होली पर किसी विरोधी द्वारा दी गई, लौंग या इलायची का सेवन न करें। अगर घर में लगी ध्वजा पुरानी हो गई है या उसका रंग फीका हो गया है तो होली पर इस ध्वजा को बदल दें। होलिका दहन घर के भीतर नहीं करना चाहिए। होलिका की राख को घर के चारों ओर छिड़कने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है। होली पर काले रंग का प्रयोग न करें। होली के दिन गहरे रंग के कपड़े न पहनें। सफेद रंग सबसे अच्छा माना जाता है। यह रंग चंद्रमा का प्रतीक है और विन्रमता दर्शाता है। होली का रंग सबसे पहले अपने महादेव और पितृगणों को पाते हैं। त्योहार के दिन अपने घर के दरवाजे को अशोक की पत्तियों से बने तोरण से सजाएं। होली के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर गुलाल अवश्य छिड़कें। वास्तु के अनुसार होली पर रंग खेलने से स्वास्थ्य और यश में वृद्धि होती है। होली पर श्रीराधा-कृष्ण की सुंदर तस्वीर लाकर घर के मुख्य पाठ द्वार पर लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछकर रखें। होली खेलने से पहले गुलाबी रंग का गुलाल लेकर सबसे पहले राधा-कृष्ण को अर्पित करें। गुलाल के पैकेट में चांदी का सिक्का रखें, फिर उसे लाल कपड़े में रखकर कलावे से बांध दें। इससे धन लाभ होगा और रुका हुआ धन भी प्राप्त हो सकेगा। होली पर घर में आने वाले सभी मेहमानों को कुछ ना कुछ निश्चित ही खिलाकर वापस जाना। ऐसा करने से भाग्य प्रबल होता है। होली के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र और गुलाब की माला अर्पित करें।

इस ग्राफ़ में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते हैं कि ये पूर्णतया सत्य और सटीक हैं और ये अपनाने से प्रबंधित परिणाम मिलते हैं। उन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



[ad_2]

Source link

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment