फरहान अख्तर (फरहान अख्तर) कितने उम्दा कलाकार हैं ये हर कोई नहीं जानता है। जिंदगी न मिलेगी दोबारा, भाग मिल्खा भाग, दिल धड़कनें दो जैसी फिल्मों में उनके अंदर का खूबसूरत कलाकार खुलकर बाहर आ गया है। और लोगों ने उन्हें हर रोल में खूब पसंद भी किया है। वहीं फरहान जितने फाइन एक्टर हैं उतने ही दमदार निर्देशक भी बने हुए हैं। उन्होंने 2001 में जबरदस्त फिल्म दिल चाहता है (दिल चाहता है) का निर्देशक किया था और ये उनके निर्देशन में बनी फिल्म थी। लिहाज़ा इस फिल्म से उन्हें जितनी उम्मीदें थीं उतनी ही वो नर्वस भी थे।
खुद को कर लिया कमरे में बंग था
एक इंटरव्यू में फरहान अख्तर ने खुद ये बात बताई थी कि 2001 में आई दिल चाहता है की प्रकट के दौरान फरहान अख्तर तीन दिनों तक कमरे से बाहर नहीं निकले थे। उन्होंने खुद को कमरे में बन्द कर दिया था। इसका कारण यह था कि वह फिल्म की प्रस्तुति से पहले काफी नर्वस थे। कमरे में बैठकर वो केवल एक बात का इंतज़ार कर रहे थे वो फोन कॉल्स का था। वो फोन से ही फिल्म को लेकर लोगों का रिस्पॉन्स जानना चाहते थे। आखिरकार जब वो तीन दिन के बाद कमरे से बाहर निकले तो सिनेमाघर वालों में पहुंचे खुद का फिल्म का रिस्पॉन्स देखने के लिए थे।
दिल चाहता है को मिला था नेशनल अवॉर्ड था
भले ही फरहान फिल्म को लेकर कितने ही नर्वस हुए हों लेकिन इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था। और उस साल बन्द फिल्म के लिए दिल चाहता है को राष्ट्रीय अवॉर्ड मिला था। तीन दोस्तों आमिर खान, अक्षय खन्ना और सैफ अली खान की कहानी पर आधारित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि पहले आमिर और सैफ की बजाय फिल्म में ऋतिक रोशन और अभिषेक बच्चन को फाइनल किया गया था लेकिन किन्ही कारणों से उन्होंने इस फिल्म को करने से इंकार कर दिया था।
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