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ABP Exclusive: वीरपुर जाने के बाद पप्पू यादव ने व्यवस्था पर लगाए थे गंभीर आरोप, जानें क्या बोले जेल IG

ABP Exclusive: वीरपुर जाने के बाद पप्पू यादव ने व्यवस्था पर लगाए थे गंभीर आरोप, जानें क्या बोले जेल IG

by Sneha Shukla

पट: जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव को पटना से मधेपुरा ले जाने के बाद उन्हें वीरपुर जेल भेज दिया गया है। यहां जाने के बाद कई खबरें आईं जिसमें पप्पू यादव ने जेल में कमियों के बारे में आरोप लगाए थे। इस मामले में एबीपी ने जेल आईजी मिथिलेश मिश्र से बात कर इस संबंध में पूरी जानकारी ली।

जेल आईजी ने कहा कि पप्पू यादव को वीरपुर जेल में अलग-अलग खंड में रखा गया है। जो भी बातें आ रहे हैं कि दरवाजे नहीं हैं या फिर कोई और समस्या है तो यह सब बातें पुरानी हैं। वीरपुर उप कारा सब जेल में 130 कैदियों की क्षमता है जहां वर्तमान में 136 कैदी हैं यानी सिर्फ छह और हैं। अंडर ट्रायल सभी विचाराधीन हैं।

हर दिन के लिए स्न में अलग-अलग मेन्य किया गया डिसाइड

बिहार के जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता 45 हजार है लेकिन 54 हजार हैं। बिहार में कुल आठ केंद्रीय कारा, 33 मंडल कारा, 17 उप कारा और बक्सर में एक खुली जेल है। हर जगह खाने और नास्ते के लिए मेन्यू डिसाइड है। हर दिन का अलग-अलग मेनू है। नाश्ता में कभी ब्रेड-चाय, फल, चना-गूड़ और चाय, सत्तू-फल, दही-चूरा या पूड़ी सब्जी दी जाती है। खाने में चावल, दाल, सब्जी अमूमन दिया जाता है। कभी-कभी मीट और मछली। विशेषकर चिकेन का प्रावधान है। अंडा प्रकरण भी है। शाम में चाय के साथ ब्रेड या भांजा दिया जाता है।

रविवार का खाना बड़ा खाना कहलाता है जिसमें चावल, दाल, तड़का और सेवई भी दी जाती है। बुधवार और शुक्रवार की रात में नॉन वेज दिया जाता है। जेल में आने वाले कैदियों को यह सुविधा दी जाती है। अंदर आने पर आमद वार्ड में लाया जाता है। स्वास्थ्य चेक-अप के बाद आवश्यक सामग्री जैसे बिछावन और बर्तन दिए जाते हैं।

महिला कैदियों को दिया जाता है ठंडा, जेल में योगा क्लास

स्वास्थ्य के लिए अस्पताल की व्यवस्था है। महिलाओं के साथ छह साल तक के बच्चे रह सकते हैं। बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। इसके अलावा महिला कैदियों को ठंडा दिया जा रहा है। जेल में योगा क्लासेज हैं। इग्नू से पढ़ाई की व्यवस्था है। ई-मुलाकात में सप्ताह में एक दिन वीडियो कॉल से मिल सकते हैं। 14 जेलों में इग्नू का केंद्र चल रहा है।

आर्ट ऑफ़ लिविंग के तहत मेंटल हेल्थ ट्रेनिंग की व्यवस्था

वहीं, जेल के अंदर कर्मशाला वर्कशॉप भी है। स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम, गार्डेनिंग, अगरबत्ती, बैग, शोरूम फॉर्मिंग, कारपेंटर का काम भी सीखने का मौका मिलता है। महिलाओं को बाथ साबुन, कंघी, तेल, डिटर्जेंट, सैनिटरी पैड मिलता है। जेलों में पूजा या उत्सव पर विशेष आहार दिया जाता है। बच्चों को खेलने के लिए खिलौना, वाल पेंटिंग, रीडिंग न्यूज एंड बुक्स, फिजिकल एक्ट न्यूज, न्यूजर्सी रीडिंग, कल्चरल प्रोग्राम, आर्ट ऑफ लिविंग का प्रशिक्षण मेंटल हेल्थ के लिए भी व्यवस्था है।

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