यह सोना खरीदना तो शुभ माना गया है लेकिन इस दिन दान- पुण्य करने के विशेष है और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। किसी भी व्यक्ति जिसे मदद की जरूरत है उसे देवता व पितरों के नाम से जल, कुंभ, शकर, सत्तू, पंखा, छाता फलादि का दान करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है। जल से भरे हुए घड़ा, शकर, गुड़, बर्फी, सफेद वस्त्र, नमक, शरबत, चावल, चांदी का दान भी किया जाता है।
इससे अक्षय पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है और महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसी दिन दस महाविद्या में नवमी महाविद्या माँगी देवी का प्रार्दुभाव हुआ था। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। पितृदोष निवारण के लिए पितरों को तर्पण देना बहुत लाभदायक होता है।
अक्षय तृतीया 2021: पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर 12 बजकर 18 मिनट तक
कोरोनावायरस महामारी के कारण इस घर में पूजा करें और माता लक्ष्मी का ध्यान करें। महामारी के इस समय में इस दिन किसी मदद चाहने वाले व्यक्ति को दान करना बहुत पुण्य फलदायी रहेगा।
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