नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की अराधना की जाती है। मां शैलपुत्री के अलावा मां ब्रह्मचारिणी, मां चेंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री माता रानी के स्वरूप हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद माता रानी की चौकी स्थापित की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
जानिए कैसे करें कलश स्थापना के बाद चौकी की स्थापना-
1. सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल या स्वच्छ जल से ढोकर पवित्र कर लें।
2. अब इसे साफ कपड़े से पोचकर लाल कपड़ा बिछाएं।
3. चौकी के दाएं ओर कलश रखें।
4. चौकी पर मां दुर्गा की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें।
5. माता रानी को लाल रंग की चुनरी ओढ़ाएं।
6. धूप-दीपक आदि जलाकर मां दुर्गा की पूजा करें।
7. नौ दिनों तक जलने की अखंडतात माताणी के सामने जलाएं।
8. देवी मां को तिलक लगाएं।
9. माँ दुर्गा को चूड़ी, वस्त्र, सिंदूर, कुमकुम, पुष्प, हल्दी, रोली, सुहान का सामान अर्पित करें।
10. माँ दु्र्गा को इत्र, फल और मिठाई अर्पित करें।
11. अब दुर्गा सप्तशती के पाठ देवी मां के स्तोत्र, सहस्रनाम आदि का पाठ करें।
12. माँ दुर्गा की आरती उतारें।
13. अब वेदी पर बोए अनाज पर जल छिड़कें।
14. नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें। जौ पात्र में जल का छिड़काव करते रहो।
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माता रानी की पूजा में लगने वाली पूजन सामग्री-
मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप ताराशती पुस्तक, बंदनवार आम के पत्तों का,। पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, पाँच मेवा, घी, लोबान, गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर। और हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शकर, पंचमेवा, गोफल, लाल रंग की गोटी चुनरीलाल रेशमी चूड़ियाँ, सिंदूर, आम के पत्ती, लाल वस्त्र, लाल बत्ती, लंबी बत्ती। के लिएई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, बनाने का सामान, दीपक, घी / तेल, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी , असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, दुर्गा चालीसा और आरती की पुस्तक, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ आदि।
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