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Chaitra Navratri 2021: नवरात्रि के 6वें दिन मां कात्यायनी की होती है पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Chaitra Navratri 2021: नवरात्रि के 6वें दिन मां कात्यायनी की होती है पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

by Sneha Shukla

नवरात्रि दिवस 6 माँ कात्यायनी पूजा: नवरात्रि के पर्व का 18 अप्रैल को छठवां दिन है। नवरात्रि का छठ दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। पंचांग के अनुसार 18 अप्रैल रविवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन नक्षत्र आद्रा रहेगा। चंद्रमा इस दिन मिथुन राशि में गोचर करेगा। नवरात्रि का पर्व बहुत ही पावन और पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के पर्व में प्रत्येक दिन माता के अलग-अलग स्वरूप की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। मां दुर्गा के इन स्वरूपों का जीवन में विशेष महत्व है।

माँ कात्यायनी ने किया था महिषासुर का वध
नवरात्रि के पर्व में मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था। महिषासुर एक असुर था, जिससे सभी लोग परेशान थे। माँ ने इसका वध किया था। इस कारण माँ कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी ने कहा है। मां कात्यायनी देवी का स्वरूप आकर्षक है। माँ का शरीर सोने की तरह चमकीला है। मां कात्यायनी की चार भुजा हैं और इनकी सवारी सिंह है। मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। साथ ही कुछरें दोनों हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है।

मां कात्यायनी करती हैं विवाह में आने वाली दिक्कतों को दूर
मान्यता है कि मां कात्यायनी विवाह में आने वाली बाधाओं को भी दूर करती हैं। नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से विवाह संबंधी समस्या दूर होती हैं। एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बृज की गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा की थी। माना जाता है कि माता कात्यायनी की पूजा से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और कन्याओं को अच्छे पति का वरदान देते हैं।

गोधुलि बेला में करें मां कात्यायनी पूजा
नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा गोधूलि बेला यानि शाम के समय में करना उत्तम माना जाता है। मां कात्यायनी की पूजा विधि पूर्वक करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और शत्रुओं का नाश होता है। रोग से भी मुक्ति मिलती है।

पूजा की विधि
मां कतयनी की पूजा में नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है। मां की पूजा आरंभ करने से पूर्व एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता को स्थापित करें। पूजा में पाँच प्रकार के फल, पुष्प, मिष्ठान आदि का प्रयोग करें। आज के दिन पूजा में शहद का विशेष प्रयोग किया जाता है। छठे दिन माता कात्यायनी को पीले रंग से श्रृंगार करना चाहिए।

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