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Chaitra Navratri 2021 : नवरात्रि में होती है मां के नौ रूपों की पूजा, जानिए सभी के बारे में

by Sneha Shukla

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13 अप्रैल, मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के पावन दिनों में माँ के नौ रूपों की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। धार्मिक पुराणों में माता के नौ रूपों का वर्णन है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको माँ के नौ रूपों के बारे में बताएंगे …

माँ का पहला रूप: शैलपुत्री

  • 13 अप्रैल को मां के प्रथम रूप की पूजा की जाएगी। माँ के प्रथम रूप को “माता शैलपुत्री” के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल रहता है और बाएं हाथ में मां ने कमल धारण किया हुआ है। मां का वाहन बैल है, इसलिए मां शैलपुत्री को वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है।

माँ का दूसरा रूप: देवी ब्रह्मचारिणी

  • 14 अप्रैल को मां के दूसरे रूप की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा के दूसरे रूप को “देवी ब्रह्मचारिणी” के नाम से जाना जाता है। मां ब्रह्मचारिणी दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल लिए हुए हैं।

मां का तीसरा रूप: मां चंद्रघंटा

  • 15 अप्रैल को मां के तीसरे रूप की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा के तीसरे रूप को मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। माँ के दस हाथ हैं और माँ अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटों के आकार का अर्ध चंद्रमा विराजमान है, जिसके कारण से मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा है।

देवी का चौथा रूप: माता कूष्मांडा

  • 16 अप्रैल को मा दुर्गा के चौथे स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां के चौथे स्वरूप को माता कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं और मां सिंह की सवारी करती हैं। माँ के हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमण्डल, कलश, बाण और कमल सुसज्जित हैं।

देवी का पांचवां रूप: माता स्कंदमाता

  • 17 अप्रैल को मां दुर्गा के पांच स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां के पांच स्वरूप को माता स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। मां की चार भुजाएं हैं और मां ने अपनी दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है। मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है।

देवी का छठा रूप: मां कात्यायनी

  • 18 अप्रैल को मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा की जाएगी। माता के छठे स्वरूप को मां कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। मां का रंग स्वर्ण की भांति अन्यन्त चमकीला है और इनकी चार भुजाएँ हैं। मां कात्यायनी का वाहन भी सिंह हीं है।

देवी का सांतवें रूप: मां कालरात्रि

  • 19 अप्रैल को मां के सांतवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की होगी। मां के सांतवें स्वरूप को माता कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कालरात्रि तम आसुरिक शक्तियों के विनाश करने वाली हैं। मां के चार हाथ और तीन नेत्र हैं। माँ का वाहन दान है।

देवी का आठवाँ रूप: माँ महागौरी

  • 20 अप्रैल को मां के आठवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की होगी। मां के आठवें स्वरूप को मां महागौरी के नाम से जाना जाता है। माँ का वाहन बैल और उनके चार हाथ हैं। मां का वर्ण सफेद है और उनके आभूषण भी श्वेत रंग के ही हैं।

देवी का नौवां रूप: मां सिद्धिदात्री

  • 21 अप्रैल को मां नौवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की होगी। मां के नौवें स्वरूप को मां सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है। मां का वाहन सिंह है और उनके चार हाथ हैं। माँ कमल पुष्प पर विराजमान हैं।



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