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Chandra Grahan 2021:जानें क्या 26 मई को लगने वाले चन्द्र ग्रहण का सूतक काल होगा मान्य ?

by Sneha Shukla

साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को पड़ने जा रहा है। दोपहर दो बजकर 17 मिनट पर शुरू होने वाला यह चंद्र ग्रहण शाम सात बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। हालांकि भरत में पूर्ण चंद्रगहण दिखाई नहीं देगा। यह केवल पश्चिम बंगाल, बंगाल की खाली और उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों से ही छाया के रूप में दिखाई देगा। मगर अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्रों में यह पूर्ण ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।

इस ग्रहण में चरम काल मान नहीं है
ज्योतिषाचार्य डॉ। पंडित नव चंद्र जोशी के अनुसार 26 मई को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण उपचया ग्रहण है। इसलिए इसमें शतक अवधि नहीं होगी। पंचांग के अनुसार 26 मई 2021 बुधवार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस पूर्णिमा की तिथि को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। पहली चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है, इसलिए सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि पर देखने को मिलेगा।

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेषण वज्ञिान शोध संस्थान (एरीज) के पब्लिक आउटरीच प्रभारी डॉ। बीरेंद्र यादव के अनुसार चंद्र ग्रहण उस स्थिति को कहते हैं, जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे छाया में आ जाता है। ऐसा तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इसी क्रम में लगभग एक रेखा में आ जाते हैं। इस कारण सूरज से आने वाली रोशनी पृथ्वी के कारण पूरी तरह से चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और चंद्र ग्रहण होता है। पर इस बार चंद्र ग्रहण भारत में पूरा नहीं होगा। यह केवल कुछ भागों से हल्की छाया के रूप में है।

इस साल केवल दो चंद्र ग्रहण
वर्ष 2021 में केवल दो चंद्र ग्रहण होंगे। 26 मई के बाद वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। यह आंशिक होगा, जो दुनिया के कुछ क्षेत्रों से देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। पर इस बार यह ब्लड मून भारत से नजर नहीं हटाएगा।

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