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CM नीतीश कुमार के मंत्री बोले- बिहार में उद्योगों की नहीं है कमी, इस संबंध में केवल भ्रम फैला रहे हैं लोग

CM नीतीश कुमार के मंत्री बोले- बिहार में उद्योगों की नहीं है कमी, इस संबंध में केवल भ्रम फैला रहे हैं लोग

by Sneha Shukla

पटना: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बिहार के बाहर रहने वाले बिहारियों से ये अपील की है कि वे जल्द से जल्द बिहार लौट आएं। सीएम नीतीश कुमार की इस अपील के बाद ये सवाल उठने लगा है कि जो लोग काम छोड़ कर घर लौटेंगे, उन्हें सरकार रोजगार कैसे मुहैया कराएगी? सूबे में उद्योग नहीं होने की वजह से ये सवाल लाजमी भी है। लेकिन बिहार सरकार के मंत्री का कहना है कि बिहार में उद्योग की कमी नहीं है। लोग केवल इस संबंध में भ्रम फैला रहे हैं।

बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं बिहार

बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, “भ्रम फैलाया जा रहा है कि यहां (बिहार) उद्योग नहीं है। यहां पिछले 5 वर्षों में बड़ी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण इकाई आईं हैं और काम भी कर रहे हैं। हमें पुरानी चीजों को छोड़ना चाहिए। बड़ी संख्या में। लोग यहां आए हैं और इंडस्ट्रीज लगाई है। यहां के लोगों ने भी उद्योग लगाए हैं। बिहार आज बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। आने वाले दिनों में और भी स्कोप है। “

जीवेश मिश्रा ने कहा, “लोगों से उद्योग लगाने के लिए अनुरोध भी किया जा रहा है। जहां-जहां इन्वेस्टमेंट की गुंजाइश है, इस दिशा में भी सरकार काम कर रही है। आईटी के क्षेत्र में भी काम जारी है। इसलिए आने वाले दिनों में। सके अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। ”

उद्योग लगाने के लिए किया जाएगा

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैलकुलेटर की बैठक में उद्यमी योजना पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कई बदलाव किए हैं। , ही नए प्रावधान भी किए गए, जिससे उद्योग लगाने की मंसा रखने वाले लोगों को सहूलियत मिल सके। सरकार ने बजट में भी इसके लिए पैसों का प्रावधान कर दिया है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उद्योग विभाग से संपर्क कर जितने भी बाहर के मजदूर आ रहे हैं, जो स्किल्ड हैं, उन्हें उद्योग लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसलिए वे खुद भी काम करते हैं और दूसरों को भी काम करना चाहिए।

होली के बाद अचानक कोरोना विस्फोट हुआ

जीवेश मिश्रा ने बताया कि सरकार इसको लेकर बहुत गंभीर है। यही कारण है कि कोरोना काल में काउंटर की बैठक बुलाकर योजना में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मार्च महीने के अंत में बिहार में 300 से भी कम मरीज थे। अचानक होली के बाद एक विस्फोट हुआ, बिहार में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि लोग थोड़ी शिथिलता में आ गए थे और सोचने लगे थे कि हमने कोरोना पर विजय पा लिया है।” मंत्री ने माना कि अचानक से बड़ी संख्या में अस्थिर रोगियों के मिलने की वजह से शुरुआत के दिनों में संसाधन बढ़ाने में थोड़ी परेशानी हुई है। लेकिन अब कहीं ऑक्सीजन की कमी नहीं है। बिहार अब ठीक स्थिति में आ चुका है।

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