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Colorectal Cancer: जानिए लक्षण और इलाज, खतरे को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव का महत्व

Colorectal Cancer: जानिए लक्षण और इलाज, खतरे को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव का महत्व

by Sneha Shukla

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पुरुषों के बीच कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में तेजी से फैल रही कैंसर की तीसरी किस्म है। कोलोन कैंसर या कोलोरेक्टल कैंसर को बड़े आंत का कैंसर भी कहते हैं, यह बात निर्भर करती है कि कैंसर की कोशिकाएं कहां मौजूद हैं। आम तौर से ये सबसे बड़े परिप्रेक्ष्य या रैक्टम को प्रभावित करता है।

कोलोरेक्टल कैंसर जागरुकता का महीना मार्च में मनाया जाता है। इस मौके पर पुरुषों और महिलाओं को सचेत किया जाता है कि ये कैंसर दोनों को हो सकता है और अल्सर चरणों में लक्षण को पहचानना अक्सर मुश्किल होता है। इसलिए सभी के ज्यादा जरूरी हो जाता है कि हस्तक्षेप, नियंत्रण और इलाज के उपायों की जानकारी हासिल करें।

कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण: ज्यादातर लोगों के संकेतों को नजरअंदाज करने की गलती करते हैं। ऐयसे में समस्या बढ़ जाने पर इलाज काफी मुश्किल हो जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षणों में डायरिया, कब्ज, मल के रंग में बदलाव, मल में ब्लड, रैक्टम से खून का स्राव, अत्यधिक गैस, पेट में ऐंठन और पेट दर्द कुछ संकेत हो सकते हैं।

इलाज का विकल्प मौजूद है: वर्तमान में बीमारी के लक्षण का पता लगाने का नया तरीका और इलाज के विकल्प मुहैया हैं। इलाज अब मरीज के स्वास्थ्य और तेज रिकवरी पर केंद्रित है। इसमें विभिन्न दृष्टिकोण जैसे सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी शामिल हैं। लेकिन इसका इलाज कैंसर की जगह, उसका चरण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं सहित विशेष स्थिति पर निर्भर है।

स्क्रीनिंग सहयोगी: कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका नियमित स्क्रीनिंग है, जो 45 साल की उम्र में शुरू होता है। ये बड़े अंतर या रैक्टम में असमान विकास के तौर पर शुरू होता है। स्क्रीनिंग की मदद से कैंसर के ट्यूमर का पताकर्ताओं चरण में लगाया जा सकता है। इस प्रकार, स्थिति का बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।

जीवनशैली में बदलाव: बीमारी के खतरे को जीवनशैली में बदलाव लाकर भी कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप से पूरी तरह से दूरी बनाने का प्रयास किया जाए। अल्कहोल का ज्यादा इस्तेमाल भी कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। डॉक्टरों की सलाह है कि अल्कोहल सिर्फ संतुलित मात्रा में पीना चाहिए। इसके अलावा, सेहतमंद डाइट जिसमें फल, सब्जी और साबुत अनाज का एक प्रकार है। लाल और प्रोसेड मांस का अधिक सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ानेवाला माना गया है।

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