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Corona Virus: कोरोना से ठीक होने के बाद भी रहें सचेत, पोस्ट कोविड जरूरी हैं ये 5 मेडिकल टेस्ट

Corona Virus: कोरोना से ठीक होने के बाद भी रहें सचेत, पोस्ट कोविड जरूरी हैं ये 5 मेडिकल टेस्ट

by Sneha Shukla

कोरोनावायरस के इंफेक्शन से उबरने के बाद भी अपनी स्वास्थ्य को बिल्कुल हल्के में ना लें। डॉक्टर्स कोरोना से ठीक होने वाले पेशेंट्स को भी कई आवश्यक मेडिकल टेस्ट की सलाह दे रहे हैं ताकि उन्हें यह पता चल सके कि कोविड ने शरीर को कितना नुकसान पहुंचाया है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी अगर आपको बॉडी में कोई परेशानी महसूस होती है या फिर आप शुगर, बीपी, हार्ट या किसी और तरह की मेडिकल कंडिशन के शिकार है तो ये 5 टेस्ट जरूर करें।

1-सीटीबी बोर्ड और सीबीसी टेस्ट
कोविड होने के बाद सबसे पहले टेस्ट टेस्ट कराना जरूरी है। इस टेस्ट से पता चलता है कि आपकी बॉडी में कौन लेवल पर पानी बने हैं। शरीर में स्नातक बनने में एक से दो सप्ताह लग सकते हैं। उसके बाद यह टेस्ट करा सकते हैं। दूसरा टेस्ट सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड टेस्ट है। जिसमें शरीर में आरबीसी और डब्ल्यूबीसी का पता चलता है कि ये दोनों सेल पर कोविड ने क्या असर डाला ये टेस्ट से पता चलता है।

2-बीपी और शुगर टेस्ट
कई बार कोविड के दौरान शरीर में क्लॉटिंग हो जाता है और इनफ्लेमेशन बढ़ जाता है। इसलिए कोविद के बाद ब्लड प्रेशर का लेवल और शरीर में ग्लूकोज का लेवल जानना आवश्यक है। अगर किसी को डायबिटीज है या फिर कोलस्ट्रोल की प्रॉब्लम है तो कार्डिक कॉम्पलिकेशन हो सकते हैं। इसलिए ये दोनों टेस्ट जरूरी हैं।

3- कस्ट स्वेट स्कैन
कोरोनावायरस सबसे ज्यादा लंग्स को डैमेज करता है। हालांकि कोरोना के इंफेक्शन के दौरान भी डॉ। चेस्ट का कठोर स्कैन बनाते हैं लेकिन ठीक होने के बाद भी लंग्स पर कितना असर है। इसके लिए ठोकर स्कैन या लंग्स फंक्शन टेस्ट जरूर करें।

4-हार्ट इमेजिन और कार्डिक स्क्रीनिंग
कोरोनावायरस शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक करता है और जिन लोगों को हार्ट से संबंधित कोई बीमारी है, उन्हें तो हार्ट के टेस्ट जरूर कराने चाहिए। कई बार कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों को चेस्ट में दर्द की शिकायत रहती है तो उन्हें भी डॉ हार्ट के टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।

5-न्यूरो फंक्शन टेस्ट
कोरोना होने पर रोगी का टेस्ट और स्मैल दोनों चले जाते हैं। हालांकि इंफेक्शन खत्म होने के बाद दोनों सेंस वापस आ जाते हैं लेकिन कई बार लोगों के महीने भर तक टेस्ट और स्मॉल नहीं आते हैं। इसके अलावा कोरोना होने पर डिजीनेस यानी हल्के चक्कर आने जैसी समस्या आती है। इसलिए कोरोना से सही होने पर न्यूरो फंक्शन टेस्ट करना बेहतर है।

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