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देश में कोरोना संक्रमण के मामले में एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए मंगलवार को को विभाजित -19 गाइडलाइन्स को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि टेस्टिंग, उद्घाटन और पॉजिटिव मामलों के ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान देने और वैक्सीनेशन में तेजी लाने के साथ कोविड -19 संबंधित नई गाइडलाइन्स 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू रहेंगी।
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर नई गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य बताया
वहीं गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा, “देश के कुछ हिस्सों में को विभाजित -19 मामलों में ताजा वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइंस राज्य / केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को टेस्ट-ट्रैक-ट्रीटिंग प्रोटोकॉल: सख्ती से लागू करने के लिए बाध्य करते हैं। इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को ये भी सुनिश्चित करना है कि हर कोई विभाजित-उपयुक्त व्यवहार का पालन करे और सभी लक्षित समूहों को कवर करने के लिए टीकाकरण अभियान को बढ़ाया जाए। ” इसके साथ ही ये भी जोर दिया जाता है कि दो की चीजों को फिर से शुरू करने के लिए महामारी को पूरी तरह से दूर करने के लिए फिक्सड कंट्रोल स्ट्रैटजी का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। और एमएचए या मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा जारी दिशा-निर्देश या एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
एमएचए प्रभावी नियंत्रण के लिए दिशानिर्देशों के साथ आदेश जारी करता है #COVID। 19 जो 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगा और 30 अप्रैल, 2021 तक लागू रहेगा।
दिशानिर्देश राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश सरकार को देश के सभी हिस्सों में टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने के लिए बाध्य करते हैं। pic.twitter.com/QEevzYmCfh
– एएनआई (@ANI) 23 मार्च, 2021
सभी राज्य अपने अनुसार स्थानीय क्षेत्रों में पाबंदी लगा सकते हैं
बता दें कि केंद्र की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत सभी राज्य खुद कहते हैं कि स्थानीय इलाकों में जरूरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। लेकिन कंटेटमेंट ज़ोन के बाहर किसी भी तरह की गतिविधि पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। नई गाइडलाइंस के मुताबिक जिन राज्यों में आरटी-पीसीआर जांच का रेश्यो कम है, उन्हें तेजी से बढ़ाकर 70 प्रतिशत या उससे ज्यादा करना होगा।
इसके साथ ही नई गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया है कि कंटेन्मेंट जोन की जानकारी जिला कलेक्टर की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इतना ही नहीं सार्वजनिक स्थान पर एसओपी (एसओपी) का सख्ती से पालन अनिवार्य किया जाएगा।
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