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Coronavirus: जानिए बच्चों में संक्रमण के लक्षण होने पर कैसे करें मासूम की रक्षा

Coronavirus: जानिए बच्चों में संक्रमण के लक्षण होने पर कैसे करें मासूम की रक्षा

by Sneha Shukla

कोरोनावाइरस: कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने दुनिया को एक बार फिर पुरानी स्थिति के करीब ला दिया है। एक सदी पहले स्पैनिश फ्लू की दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक थी। दूसरी लहर को आप समुद्र में लहर की तरह समझ सकते हैं। संक्रमण की संख्या ऊपर जाती है और फिर नीचे आ जाती है। हर चक्र कोरोनावायरस की एक ‘लहर’ होता है। फिर भी कोई स्पष्ट परिभाषा दूसरी लहर की नहीं है। बच्चे हर उम्र के कोरोनावायरस से बीमार पड़ सकते हैं। लेकिन ज्यादातर बच्चे आमतौर पर अस्थिर होते हैं, वो उतना बीमार नहीं पड़ते जितना व्यस्क और कुछ में बिल्कुल कोई लक्षण नहीं दिखता है।

कोविद -19 का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान अलग प्रवृत्ति चिह्नित की है। कोरोनावायरस अब बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। डॉक्टरों का कहना है कि पहली लहर के प्रारंभिक अप्रभावित, बच्चे और विद्वान में अब स्पष्ट लक्षण जैसे लंबे समय तक बुखार और पूर्वानुमानों का पूर्वानुमान हो रहा है। जानिए बच्चों में कोविड -19 के लक्षण और संकेत, क्यों बच्चे को विभाजित -19 से अलग तरह से प्रभावित हो सकते हैं और आप वायरस के फैलाव को रोकने के लिए क्या कर सकते हैं।

कोविद -19 से शिशु कैसे प्रभावित होते हैं?
1 साल से नीचे के शिशु को कोविड -19 की गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा उम्र के बच्चों के मुकाबले ज्यादा होता है। ऐसा उनके अपरिपक्व इम्यून सिस्टम और छोटे वायुमार्ग की वजह से होता है, जो उन्हें वायरस के श्वसन संक्रमण के साथ सांस की समस्या विकसित करने की अधिक संभावना रखता है। नवजात को विभाजित -19 की वजह बननेवाले वायरस से जन्म के समय या तारीख के बाद देखभाल करनेवालों के संपर्क में आने से संभावित हो सकते हैं।

बच्चों में विभाजित -19 के लक्षण
हालांकि, बच्चे और व्यस्क एक ही तरह के को विभाजित -19 लक्षणों का सामना करते हैं, लेकिन बच्चों के लक्षण हल्के और जुकाम जैसे होते हैं। ज्यादातर बच्चे एक से दो सप्ताह के बीच ठीक हो जाते हैं। संभावित लक्षण बच्चों में ये हो सकते हैं:

बुखार या ठंड लगना
नाक का बंद होना या बहना
खांसी, गले की खराश
साँस लेने में कठिनाई
थकान, सिर में दर्द
मोटर में दर्द या शरीर का दर्द
मतली या उल्टी जैसी लगना
डायरिया, भूख कम लगना
स्वाद या सूज़न की क्षमता घटना
पेट में दर्द

कोविद -19 में बच्चे की देखभाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि दूसरी लहर में कोरोनावायरस से ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं। 1 मार्च से 4 अप्रैल के बीच पांच राज्य-महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में वायरस फैलाने वाले बच्चों की तादाद 79,688 है। सामने आ रहे सबूत से पता चलता है कि बच्चों के ट्रांसमिशन में न सिर्फ बड़ी भूमिका अदा करते हैं बल्कि निश्चित रूप से अब ज्यादा सिम्पटोमैटिक हो रहे हैं। उनकी बीमारी की गंभीरता पहली लहर के मुकाबले बढ़ गई है। डॉ। बच्चों पर ज्यादा प्रभाव का संबंध नए म्यूटेशन से जोड़ते हैं।

उन्होंने उपलब्ध मेडिकल डेटा से बताया कि महाराष्ट्र में पाया गया B1.617 ‘डबल म्यूटेशन’ एक प्रमुख फैक्टर है। इसलिए बच्चे के स्वभाव होने की सूरत में डॉ की मदद लें। जहां तक ​​संभव हो सके बच्चे को घर पर अन्य लोगों से दूर रखें। अगर संभव हो तो उसके लिए परिवार के सदस्यों से अलग बेडरूम और बाथरूम की व्यवस्था करें। डॉ। टेस्टिंग पर भी विचार कर सकते हैं कि आपके बच्चे को गंभीर बीमारी का ज्यादा खतरा है।

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