<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> देहरादून: कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में घटनाओं मोर्चे पर लड़ाई लड़ रही उत्तराखंड पुलिस के 684 युवा कोरोनावायरस की दूसरी लहर में सकारात्मक हो गए हैं। हालांकि, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इन चेताओं में से केवल एक महिला पुलिसकर्मी ही गंभीर स्थिति में है, जिसके गर्भवती होने के कारण टीका नहीं लगाया गया था। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के कारण इस महामारी की दूसरी लहर के बीच पुलिस बल काफी हद तक सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि एक मामले को छोड़कर बाकी पाए गए किसी भी जवान को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और सभी स्वस्थ हैं।
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कुमार ने कहा, ” वर्तमान में हमारे 90 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। अब सिर्फ बीमार पुलिसकर्मियों को ही टीका नहीं लग पाया है। इस कारण को विभाजित की दूसरी लहर के बीच पुलिस फोर्स काफी हद तक सुरक्षित है। ” उन्होंने कहा कि टीकाकरण से पूर्व कोरोनावायरस की पहली लहर में पुलिस के कुल 1981 युवा आयु वाले थे। इनमें से 100 से अधिक जवानों को अस्पतालों में भर्ती कराने पड़ा था और सात जवानों की मौत हुई थी।
पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर अडिग
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कोरोनावायरस के विरूद्ध जारी जंग में कारणों मोर्चा के बारे में लोगों से नियमों का पालन करा रहे पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर अडिग हैं और हमारा एकमात्र लक्ष्य कोरोना को हराना और लोगों को इसके संक्रमण से बचाना है। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> टीकाकरण को जरूरी बताते हुए कुमार ने कहा कि केक लगने के बाद भी अगर कोरोना संक्रमण होता है तो टीकाकरण द्वारा बनाए गए सर्वर से लड़ने में मदद करता है। उन्होंने जनता से अपील की कि कोरोना का केक लेने में संकोच न करें और अपनी बारी आने पर केंद्र पर गोलक जरूर लगवाएं।
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