<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> देहरादून: उत्तराखंड में कोरोनावायरस संक्रमण के बेकाबू प्रसार के मद्देनजर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को राजकीय मेडिकल कालेजों के चिकित्सालयों की क्षमता में वृद्धि और सुदृढ़ीकरण के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके अलावा, राज्य में fac ना पहनने वालों से पीड़ित वसूली के बाद उन्हें चार पहलू निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए भी मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। यह राशि पुलिस महानिदेशक के निलिंग पर रखी गई है। & nbsp;
कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों से प्रभावी रूप से सामना के लिए प्रभावों मोर्चे पर रहकर काम कर रहे कोरोना राजकुमारियों को आरक्षण के लिए आर्सेनिकम अल्बम और अन्य सुरक्षा संबंधी सामग्री को शामिल करने, लक्षणों के आधार पर अन्य आवश्यक दवाओं के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से 1.18 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए आयुष रक्षा किट खरीदने, राज्य और जिला स्तर पर आयुष डेस्क की स्थापना करने, को विभाजित सुरक्षा सामग्री क्रय करने और जिला मुख्यालयों में आयुष रथ संचालित करने के लिए 4.64 करोड रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष गई स्वीकृत की गई है।
कोरोना संक्रमण से बचाव और राहत से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए बागेश्वर और रुद्रप्रयाग के जिला प्राधिकरणों को दो-mdash; दो करोड़ रुपये, चमोली और ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी को 1-1 करोड़ रुपये की मांग के अनुरूप भी दिया गया है। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कंपनियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है
इसके अलावा, मुख्यमंत्री तीरथ ने यहां से मलाकुई में लिंडे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया और प्लांट के अधिकारियों की तरफ से विद्युत आपूर्ति सुचारू ना होने – उत्पादन आ रही समस्याओं के बारे में ध्यान आकर्षित किए जाने पर उसके समाधान का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की बहुत आवश्यकता है और उनकी हर समस्या का निदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थितियों में ऑक्सीजन प्लांट कंपनियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। & nbsp;
ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए, इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में एक दूसरे की मदद करना सबकी जिम्मेदारी है और सबको अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी गंभीरता से निभानी चाहिए।
ये भी पढ़ें: & nbsp;
हरिद्वार कुंभ: कोरोना की वजह से फीका अंतिम शाही स्नान किया जा रहा है, लगभग 670 साधु-संतों ने गंगा में डालई दुबाकी ।
Homepage Click Hear
Homepage | Click Hear |