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Covid 19: कोरोना वायरस टेस्ट में सीटी वैल्यू की क्या भूमिका होती है, कैसे लगाया जाता है कोविड मरीज का पता ?

by Sneha Shukla

को विभाजित महामारी की दूसरी लहर पहले से काफी ज्यादा भयानक है जिसको रोकना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। वहाँ समय रहने के लिए विभाजित रोगियों का पता लगाया जा सकता है और इसके लिए सभी सरकारें जगह जगह पर को विभाजित टेस्ट करवा रही हैं। कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से ग्रसित है या नहीं इसका पता आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए लगाया जाता है। इस टेस्ट के जरिए पता चलता है कि किसी व्यक्ति की कठोर वेल्यू है। कोविद की जांच में धांधू का काफी अहम रोल माना गया है। इसी के माध्यम से किसी व्यक्ति के को विभाजित से ग्रसित होने या नहीं होने की पुष्टि होती है।

क्या होता है है धांधली कुआँ? ये परिवर्तन दर्रा निर्धारित किया है कर रहा है में कैसे मदद करो करता है है?

वैज्ञानिक रूप से एक रिग वेल्यू किसी सैंपल में वायरस की संख्या की जानकारी देता है। डायग्नोस्टिक शब्दों में एक को विभाजित रिपोर्ट में हमेशा स्पष्ट वेल्यू दी जाती है, जो संदिग्ध रोगी को ये जानकारी देती है कि वह को विभाजित से शुद्धता है या नहीं और अगर उसमें को विभाजित के लक्षण हैं तो वे कितने प्रतिशत हैं। आरटी पीसीआर टेस्ट में स्पिन वेल्यू मरीज में वायरल लोड को दर्शाती है। जिससे ये पता चलता है कि मरीज को कोरोनावायरस से पीड़ित माना जाना चाहिए या नहीं आरटी पीसीआर टेस्ट में जब बैंग वेल्यू कम होता है, तो उसका मतलब मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर है। जबकि अगर किसी मरीज की रिंक वेल्यू 35 होती है तो उसे कोविड से चेतन नहीं माना जाता है। जानकारी के मुताबिक ये गिनती तब निर्धारित की जाती है जब रोगी से सैंपल ले लिए जाते हैं। फिर उसमें से आरियन को खींच लिया जाता है, जिसे बाद में रिवर्स ट्रांसफर सेल के साथ इलाज किया जाता है। वहीं ICMR के दिशा निर्देशों के अनुसार आरटी पीसीआर टेस्ट के तुरंत बाद नमूनों में संक्रमण का पता चलने पर वायरस की पॉजिट संबंधी सूचना का पता लगाया जा सकता है।

धांधली कुआँ से है क्या पता है लगता है है?

वायर वेल्यू आपके शरीर में मौजूद वायरल लोड को निर्धारित करने में भी मदद करता है। आईसीएमआर के मुताबिक वें वेल्यू के लिए वैश्विक रूप से दिए गए कट ऑफ 35-40 प्रतिशत है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति की रिंक वेल्यू 35 से कम है तो वह कोटि के रोगी के रूप में जाना होगा।

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