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DMCH के औषधि विभागाध्यक्ष ने की पदमुक्त करने की मांग, पत्र लिखकर कहा- आपातकाल जैसी है स्थिति

DMCH के औषधि विभागाध्यक्ष ने की पदमुक्त करने की मांग, पत्र लिखकर कहा- आपातकाल जैसी है स्थिति

by Sneha Shukla

पटना: कोरोनासिस के बीच शुक्रवार को डीएमसीएच के औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष ने पत्र लिखकर उन्हें पद मुक्त करने की मांग की। उन्होंने डीएमसीएच के प्राचार्य को लिखित पत्र में कहा, “औषधि विभाग में कोरोना को ले कर शिशु जैसी स्थिति है। ऑक्सीजन के लिए मैं बार-बार अधीक्षक, जिलाधिकारी, को लाभांश सेल को सूचना दे रहा हूं, लेकिन समस्या का कोई सार्थक जवाब अभी तक नहीं है। तक नहीं हुआ है। ”

अस्पताल की विधि-व्यवहारिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह

बता दें कि डीएमसीएच मिथिलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां वर्तमान में कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में आसपास के जिले जैसे- सुपौल और सहरसा के लोग भी कोरोनाटेबल होने के बाद इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इस बीच औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष की ओर से लिखित गए पत्र में अस्पताल की विधि-व्यवहार्यता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया गया है।

प्राचार्य को लिखा गया पत्र में औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष ने कहा, “औषधि विभाग में कोरोना को ले कर शिशु जैसी स्थिति है। सैकड़ों रोगी वार्ड में या तो कोरोना से या अन्य बिगाड़ी से पीड़ित होकर भर्ती रहते हैं। उनके सीमित अधिकार और सीमित संसाधन। के तहत औषधि विभाग के सभी डॉक्टरों, पीजी छात्रों और अन्य कर्मचारियों को उनकी कार्यक्षमता के अनुरूप काम पर लगाया गया है। फिर भी जिलाधिकारी और अन्य श्रोतों से मेरी कार्यक्षमता को लेकर अनुकरणीय जाहिर किया जाता है। “

ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर जब्त की गई सजा है

उन्होंने कहा, “ऐसी परिस्थति में विभागाध्यक्ष का काम & को विभाजित-वार्ड का पूरा देखना-रेख सीमित संसाधनों के तहत पूरा नहीं किया जा सकता है। यह महामारी और शिशु में ऑक्सीजन की सप्लाई और मैनपावर की उपलब्धता बनाने वाले अस्पताल अधीक्षक और प्राचार्य का काम है। , लेकिन ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर विभागाध्यक्ष को ही दोषी ठहराया जाता है। ऑक्सीजन के सप्लाई का आदेश अधीक्षक देते हैं और संवेदक उसकी पूर्ति करते हैं। ”

उन्होंने कहा, “बढ़ते रोगियों की संख्या को देखते हुए उस अनुपात में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने का कारण अधीक्षक या संवेदक ही बता सकते हैं, जिस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है। 6 मई की रात में औषधि विभाग में ऑक्सीजन की भारी कमी हो सकती है। गया और जब मुझे लगा की ऑक्सीजन के अभाव में औषधि विभाग में बहुत सारे रोगी दम तोड सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में मैंने अधीक्षक और प्राचार्य को त्राहिमम संदेश भेजा फिर भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई।

औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष ने लिखा, “मैंने उप विकास आयुक्त कॉल पर इसकी सूचना दी और उन्हें प्रेषित की को विभाजित वार्ड में ऑक्सीजन सिलिंडर है, उसे तत्कालीक औषधि विभाग में भेज कर इस समस्या का समाधान निकाला जाए। उप विकास आयुक्त ने अपने आदेश से। ऑक्सीजन की आपूर्ति कर, जिससे मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। “

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