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Exclusive: बिना डॉक्टर की सलाह के कोरोना मरीज को न दें ऑक्सीजन, पेशेंट के लिए यह है वार्निंग सिग्नल

Exclusive: बिना डॉक्टर की सलाह के कोरोना मरीज को न दें ऑक्सीजन, पेशेंट के लिए यह है वार्निंग सिग्नल

by Sneha Shukla

नई दिल्ली: कोरोना से लड़ाई में सबसे जरूरी है इस बीमारी के बारे में सही जानकारी होना। ऐसा देखा गया है कि जनता में कोरोना को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। इसके लक्षण, टेस्ट, इलाज को लेकर कई सवाल हैं जिनके जवाब पता होना चाहिए। एबीपी न्यूज ने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ। अशोक सेठ से बात कर कोरोना से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है।

डॉ। अशोक सेठ का कहना है कि कोरोना एक कॉमन फ्लू है। अगर किसी को बुखार, सर्दी, खांसी, दस्त, शरीर में दर्द है तो ये कोरोना के हल्के लक्षन हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों में कोरोना गंभीर रूप नहीं लेता है। सिर्फ 10 प्रतिशत लोग जिनकी इम्यूनिटी कम है, जिन्हें हाइपर कैंसर या हार्ट से जुड़ी बीमारियां है या जिन्हें कैंसर की बीमारी है, ऐसे मरीजों में कोरोना गंभीर रूप ले सकता है। केवल 5 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।

हल्के लक्षण दिखाई देते हैं
डॉ। सेठ ने कहा कि अगर हमारी इम्यूनिटी अच्छी है। कोई अन्य बीमारी नहीं है तो ज्यादातर चांस इस बात के हैं कि आपको हल्की बीमारी होगी और ज्यादा परेशानी नहीं होगी। कोरोना के हल्के लक्षण घ देखकर मोटेरा नहीं। पानी SA गरारे करें, एक्सरसाइज करें और डॉ। जो दवाइयाँ बता रहे हैं।

डॉ की सलाह पर केवलates.
कोरोना काल मे यह भी देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग ब्लड स्कैन करवा रहे हैं ताकि कोरोना का होना या न होना पता चल सके लेकिन डॉ। सेठ का कहना है कि चूहे स्कैन केवल डॉ की सलाह पर ही करवाना चाहिए। अपने आप स्पिन स्कैन करने का फैसला नहीं लेना चाहिए।

ऑक्सीजन रोगी को डॉ की सलाह पर ही दें
कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में घरों पर ही कोरोना रोगियों का इलाज हो रहा है। इन कई रोगियों को घर पर ही ऑक्सीजन भी दी जा रही है। डॉ। अशोक सेठ का कहना है कि रोगी को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही ऑक्सीजन देनी चाहिए। डॉ ही बता देंगे कि रोगी को कितनी ऑक्सीजन देनी है, कब ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ानी है और कब रोगी को अस्पताल में दाखिल होना है। उन्होंने कहा कि अगर ऑक्सीजन लेवल 92-93 के करीब आ गया तो यह वार्निंग सिग्नल है। ऑक्सीजन लेवल का 94 से कम होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

अंडे और रेमेडेसिवर
डॉ। अशोक सेठ का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव रोगी को कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के भापों नहीं देनी चाहिए। इसकी टाइमिंग और डोज बहुत ही महत्वपूर्णता रखता है। अंडे हमेशा डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही मरीज को देनी चाहिए। इसी तरह रेमडेसिविर कब इस्तेमाल किया जाता है यह निर्णय भी डॉ ही लेते हैं। रेमडेसिवीर अस्पताल में दी जाती है घर पर नहीं दी जाती है।

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