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Grahan List 2021: साल में कब-कब लगेगा सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण? जानिए तारीख, समय व पौराणिक कथा

by Sneha Shukla

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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण को ज्योतिष में अशुभ माना जाता है। इस साल कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें से कुल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं। जानिए कौन-सा ग्रहण भारत में हम और कौन-सा ग्रहण आंशिक व पूर्ण ग्रहण होगा।

वर्ष 2021 में सूर्य ग्रहण कब लगेगा?

वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। भारत में यह आंशिक रूप से दिखाई देगा। इसके अलावा यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक, उत्तरी कनाडा, रूस और ग्रीनलैंड में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। जबकि वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।

वर्ष 2021 में चंद्र ग्रहण कब लगेगा?

26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह भारत में एक उपचया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में पूर्ण चंद्र ग्रहण है।]साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को दोपहर लगभग 11.30 बजे होगा, जो शाम 05 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। यह भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जा सकता है।

शुभ कार्यों की होती है मनाही-

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण को अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। ग्रहण के दौरान पूजा आदि करना भी मना होता है। ग्रहण के समय मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया जाता है।

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E को लेकर प्रचलित कथा-

समुद्र मंथन के दौरान सुपभानु नामक एक दैत्य ने छल से अमृत पान करने की कोशिश की थी। तब चंद्रमा और सूर्य की इस पर नजर पड़ गई थी। इसके बाद दैत्य की हरकत के बारे में चंद्रमा और सूर्य ने भगवान विष्णु को जानकारी दे दी। भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से इस दैत्य का सिर धड़ से अलग कर दिया। अमृत ​​की कुछ बंदू गले से नीचे उतरने के कारण ये दो दैत्य बन गए और अमर हो गए।

सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ केतु के नाम से जाना गया। माना जाता है कि राहु और केतु इसी बात का बदला लेने के लिए समय-समय पर चंद्रमा और सूर्य पर हमला करते हैं। जब ये दोनों क्रूर ग्रह चंद्रमा और सूर्य को जकड़ते लेते हैं तो ग्रहण लगता है और इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और दोनों ही ग्रह कमजोर पड़ जाते हैं। इसलिए ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।



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