<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: कोरोनावायरस के मामले पूरे देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में भी इन संक्रमण के आंकड़ों की रफ्तार भयभीत करने वाली है। दिल्ली के विश्वविद्यालय भी कोरोना की चपेट से अछूते नहीं हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय डेढ़ वर्ष से बंद है और अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनिर्बान चक्रवर्ती द्वारा जारी एड्वरी के मुताबिक जेएनयू में अब तक 64 कोरोनावायरस के पॉजिटिव केस रिकॉर्ड हैं। लिहाजा कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के कारण विश्वविधालय प्रशासन ने छात्रों से हॉस्टल खाली करने की अपील की है। & nbsp;
जेएनयू में बीते 10 दिन में तीन गुनी अवस्था से कोरोना के मामले बढ़े हैं। जहां 5 अप्रैल को पॉजिटिव मरीजों की संख्या 21 थी, तो आज यह 64 से अधिक हो गई है। सहित"पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> जेएनयू ने दिल्ली सरकार के आदेशों और बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के बीच 6 अप्रैल से जेएनयू कैंपस के अंदर भी नाइट कर्फ्यू लागू किया था। साथ ही ढाबा और कैंटीन रात 10 बजे के बाद बंद करने के आदेश भी दिए गए थे। जेएनयू में जब वक्त पर सिक्योरिटी सर्विस द्वारा उन छात्रों की तस्वीरें भी प्रमाण के तौर पर खींची जा रही थीं जो बिना वर्क के कैंपस में घूमते दिख रहे थे। & nbsp;
जेएनयू में मार्च 2020 से अब तक 322 कोरोना के मामले सामने आए हैं। मौजूदा 64 कोरोनापोर्ट केस में से अब तक पांच कोरोनाटे छात्रों की मौत हो चुकी है। एडवाइजरी में regrar आगे जानकारी देते हुए लिखते हैं कि छात्रों की शिक्षा और शोधकार्य करना जरूरी है, लेकिन लाइब्रेरी, हॉस्टल के मेस और कैंपस में बने कैंटीन कोरोनावायरस के हॉट डिस्प्ले बन सकते हैं, जिससे वायरस तेजी से फैल सकते हैं। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> एडवाइज़री में कहा गया, "इस समय स्वास्थ सबसे बड़ी प्राथमिकता हर व्यक्ति के लिए है और ऐसे ही आपके घर से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं हो सकती है। इसलिए छात्रों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कैंपस में रहने वाले सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे सुरक्षित रहने के लिए अपने घर पहुंचे।
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