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Lakshmi Panchami 2021 : लक्ष्मी पंचमी आज, जानिए आरती, मंत्र और महत्व

by Sneha Shukla

आज नवरात्रि का पंचम दिवस है। नवरात्रि के पावन पर्व में माता के नौ रूपों की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। आज चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और आज के ही दिन लक्ष्मी पंचमी का पावन पर्व भी मनाया जाता है। लक्ष्मी पंचमी के पावन दिन विधि- विधान से माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी धन- धान्य की देवी हैं। मां की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं माता लक्ष्मी की आरती, मंत्र और लक्ष्मी पंचमी के पर्व का महत्व …

लक्ष्मी पंचमी

  • लक्ष्मी पंचमी का पावन पर्व धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है। मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। यह पावन पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

लक्ष्मी पंचमुखी मुहूर्त
पंचमी तिथि का प्रारंभ- 16 अप्रैल 2021 को शाम 6 बजकर 5 मिनट
पंचमी तिथि समाप्त- 17 अप्रैल 2021 को शाम 8 बजकर 32 मिनट तक

लक्ष्मी पंचमी का महत्व

  • लक्ष्मी पंचमी के दिन विधि- विधान से पूजा- अर्चना करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को माता लक्ष्मी के लोक में स्थान प्राप्त होता है।
  • जो स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं वे सौभाग्यवती होती हैं और उनके संतान भी रूप, गुण और धन से संपन्न होते हैं।
  • इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से वर्ष भर धन की कमी नहीं होती है।

माँ लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुम को निशान दिन से, हर विष्णु विधाता …।

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

उमा रमा ब्रहमाणी, तुम ही जग माता

सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता

जो नहीं तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता है

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता

कर्म प्रभाव चुनाशिनी, भव निधि की त्राता

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

जिस घर में आप रहते हैं, उसमें सभी सद्गुरु आते हैं

सब संभव हो जाता है, मन नहीं घबराता है

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान पान का वैभव, सब तुमसे आता है

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता है

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता है

… जय लक्ष्मी माता-पिता …।

माता लक्ष्मी का मंत्र

  • बीज मंत्र- ॐ श्रीहन्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं नम महालक्ष्मी नम: ।।
  • महाजन- ॐ श्रीं लकीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी अहयेहि सर्व सौभाग्यं देहि मेधा ।।
  • आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए मंत्र- लक्ष्मी ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूर्वाये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
  • सफलता प्राप्ति का मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
  • धन- धान्य की प्राप्ति के लिए मंत्र- पद्मनने पद्म पद्मक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभ्यमहम्।
  • वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए मंत्र- लक्ष्मी नारायण नम:
  • कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए मंत्र- ऊँ ह्रीं त्रिं हुं फट।

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