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Lucknow: राजधानी में दम तोड़ रहे हैं सारे दावे, 9 दिन में कोरोना संक्रमण के 50 हजार केस

Lucknow: राजधानी में दम तोड़ रहे हैं सारे दावे, 9 दिन में कोरोना संक्रमण के 50 हजार केस

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले हर दिन बेकाबू अप से बढ़ते जा रहे हैं, और राजधानी लखनऊ का हाल तो सबसे ज्यादा खराब है। कोरोना की दूसरी वेव में लखनऊ वुहान बन जाता है। हर दिन यहां 5000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। दूसरी वेव में संक्रमण कितना तेज है, इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि राजधानी लखनऊ में कोरोना के पहले मामले से लेकर 50,000 केस होने में बीते साल 200 दिन लगे थे, और वहीं 50000 से 100000 केस होने में 195 दिन लगे। लेकिन इस सेकंड वेव में 1 लाख से डेढ़ लाख केस होने में महज 9 दिन ही लगे। & nbsp;

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> दम तोड़ते नजर आ रहे हैं सभी दावे हैं

कोरोना से वैसे तो पूरा यूपी बेहाल है, लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालत राजधानी लखनऊ की है, जहां हर दिन मामले 5000 से ज्यादा नए निकल कर सामने आ रहे हैं। हालत यह है कि अब अस्पतालों में बैड नहीं हैं, बिस्तर है तो ऑक्सीजन नहीं है। पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर नहीं हैं। सरकार के पूरे दावे अकेले राजधानी लखनऊ में ही दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। बीते साल 11 मार्च को जब कोरोना का पहला मामला राजधानी लखनऊ में सामने आया था तब से 25 सितंबर तक यानी 200 दिन में ये मामला 50 हज़ार तक राजधानी लखनऊ में पहुंचे थे, और 50001 से 1 लाख मामले होने में 195 दिन लगे थे। यानी अगले 50 हज़ार मामले बीते साल 26 सितंबर से इस साल 10 अप्रैल के बीच आये थे। लेकिन इस दूसरी वेव में सारा रिकॉर्ड ही तोड़ कर रख दिया गया। & nbsp;

9 दिन में बढ़े 50 हजार मामले

आपको इन आंकड़ों के जरिये बताते हैं कि अगले 50 हज़ार मामले बहुत तेजी से लखनऊ में बढ़े हैं। 12 अप्रैल को लखनऊ में 3,892 मामले सामने आए। जबकि 13 अप्रैल को यह मामला अचानक 5,382 से अधिक हो गया। 14 अप्रैल को 5433 नए मामले सामने आए। 15 अप्रैल को 5183 मामले सामने आए और 16 अप्रैल को तो लखनऊ का सारा रिकॉर्ड टूट गया और 6598 मामले सामने आए। 17 अप्रैल को 5913 नए मामले सामने आए। जबकि 18 अप्रैल को 5,551 नए मामले सामने आए। वहीं 19 अप्रैल को 5897 मामले सामने आए जबकि 20 अप्रैल को 5814 नए मामले सामने आए। & nbsp;

यानी एक लाख से डेढ़ लाख मामले होने में महज 9 दिन का वक्त लगा। 50,000 मामले महज 9 दिनों में ही राजधानी लखनऊ में बढ़ गए। और यही चिंता का सबसे बड़ा सबब है, क्योंकि संक्रमण की जो दर है वह राजधानी लखनऊ में इस समय 18-19 प्रति के आसपास बनी हुई है।

बेहतर रिकवरी रेट राहत की बात

हालांकि, जो तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं, अगर रिकवरी के मामलों को देखा जाए तो राजधानी लखनऊ में रिकवरी भी अब काफी तेज हो रही है। 12 अप्रैल को जहां 958 लोग कोरोना से ठीक हुए, वहीं 16 अप्रैल को इनकी संख्या 1675 हो गई। जबकि, 17 अप्रैल को 2176 लोग ठीक हुए। 18 अप्रैल को 2348 लोग ठीक हुए, 19 अप्रैल को 2641 लोगों ने कोरोना को मां दी और 20 अप्रैल को 3590 लोगों ने राजधानी लखनऊ में कोरोना को मां दी। & nbsp;

राजधानी लखनऊ में एक तरफ जहां कोरोना के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वही अस्पतालों पर लगातार भार भी बढ़ रहा है। जिसके चलते तमाम अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। कई अस्पतालों में तो अब ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं है और अस्पतालों के बाहर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं। सरकार ने तमाम दावे किए कि केजीएमयू में 4000 बिस्तर बनाए जा रहे हैं लेकिन अभी भी ज्यादातर बिस्तर शुरू नहीं पाए गए हैं। ऐसी में सबसे ज्यादा समस्या कोरोना से भिन्न होने वाले गंभीर रोगियों के सामने खड़ा हो रही है, और राजधानी में स्थिति भयावह बनी हुई है। & nbsp;

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