263
[ad_1]
26 मई 2021 वैशाख पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित हो जाता है। चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। चंद्र ग्रहण वैज्ञानिक महत्व होने के साथ ही बहुत अधिक धार्मिक और ज्योतिष महत्व भी होता है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार इस दिन अनुराधा नक्षत्र पड़ रहा है। आइए जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण के दिन कैसी रहेगी योजनाओं की स्थिति …
चार योजनाओं की युति वृष राशि में
- वर्ष के पहले चंद्र ग्रहण के समय चार ग्रह वृष राशि में मौजूद रहेंगे। इस दिन बुध, सूर्य, शुक्र और राहु वृष राशि में विद्यमान रहेंगे। इसके अलावा मंगल वृश्चिक राशि में केतु, चंद्रमा मकर राशि, शनिदेव कुंभ राशि में और देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में रहेंगे।
केतु और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे
- ज्योतिष गणनाओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा केतु से पीड़ित हो जाएंगे। इसके साथ ही राहु का प्रभाव भी देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा और केतु की युति को अशुभ माना जाता है और इस बार चंद्रमा और केतु की युति रही है।
चंद्र ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)
- चंद्र ग्रहण प्रारम्भ- दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर।
- चंद्र ग्रहण समाप्त- शाम 7 बजकर 19 मिनट तक।
धारणा नहीं होगी
- आमतौर पर चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक अवधि शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार लगने वाला ग्रहण उपचया चंद्र ग्रहण है जिसके कारण से सूक्त काल ग्रहण नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
- चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए जप करना चाहिए।
- इस समय भगवान गणेश और भगवान शिव का ध्यान करें।
।
[ad_2]
Source link
Homepage | Click Hear |