वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को दिखेगा। चंद्र ग्रहण की घटना ज्योतिषी महत्व होने के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। वर्ष के पहले चंद्रग्रहण के दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। आमतौर पर चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण उपचया ग्रहण है। जिसके कारण इसमें शतक अवधि मान नहीं होगी।
2021 का पहला चंद्रग्रहण
वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण भारत में उपचया चंद्र ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। जबकि पूर्वी, एशिया, एशिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में पूर्ण ग्रहण होगा।
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चंद्र ग्रहण कैसा लगता है?
चंद्र ग्रहण एक साधारण घटना है। सूर्य के चारों ओर पृथ्वी और पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा चक्कर लगाते-डालते सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा जब एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ने लगती है। खगोल शास्त्रियों के अनुसार इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
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चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं?
चंद्र ग्रहण कुल तीन प्रकार के होते हैं।
1. उप ग्रास चंद्रग्रहण
2. पूर्ण चंद्रग्रहण
3. आंशिक चंद्र ग्रहण
एक साल में अधिकतम कितने चंद्र ग्रहण कर सकते हैं?
एक कैलेंडर वर्ष के दौरान अर्थात एक वर्ष में चन्द्र ग्रहण की अधिकतम संख्या 3 हो सकती है।
ग्रहण काल में क्या नहीं करना चाहिए-
1. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान तेल लगाना, जल पीना, बाल बनाना, कपड़े धोना और रस्सी खोलना जैसे कार्य नहीं करना चाहिए।
2. कहा जाता है कि ग्रहण काल में भोजन करने वाले मनुष्य जितने अन्न के दाने खाते है, उसे उतने वर्षों तक नरक में वास करना पड़ता है।
3. मान्यता है कि ग्रहण काल में सोने से व्यक्ति रोगी होता है।
4. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर का भोजन करना वर्जित माना जाता है।
5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल आदि को नहीं तोड़ना चाहिए।
6. ग्रहण काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें-
1. ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें। ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान आदि कर लेना शुभ माना जाता है।
2. ग्रहण काल में अपने पति देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ होता है।
3. चंद्र ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
4. ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि इस शुभ फल की प्राप्ति होती है।
5. ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए।
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